Saturday, November 9, 2024
HomeNEWSDelhi mumbai express way toll company face losses: एक्सप्रेस वे:...

Delhi mumbai express way toll company face losses: एक्सप्रेस वे: टोल कंपनी की टोटल में आ रहा घाटा

आवाजाही कम होने से

ठेका गिव अप के लिए दी एप्लकेशन

अभी कनेक्टिविटी का इंतजार, सुविधाओं की भी दरकार

मंदसौर। दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे मप्र के 245 किमी हिस्से में शुरु हो गया है। लेकिन यहां फिलहाल सुविधाओं के साथ कनेक्टिविटी नहीं मिल रही। यहीं कारण है कि आवाजाही कम है। इससे टोल कम मिल रहा है। इधर टोल का ठेका लेने वाली कंपनी को जहां 18.76 लाख रोजाना एनएचआई को देना है। वहीं टोल कलेक्शन हो रहा है सिर्फ चार लाख के करीब। ऐसे में टोल कंपनी ने ठेका सरेंडर के लिए एप्लीकेशन दे दी है।

दूसरे फेज में मप्र के हिस्से में पूरा हुआ काम

 दिल्ली वडोदरा मुंबई ऐट लेन एक्सप्रेस वे का काम अलग अलग पैकेज में चल रहा है। सबसे पहले दिल्ली दौसा सेक्शन का काम पूरा हुआ तो फरवरी में प्रधानमंत्री ने उसे चालू कर दिया। दूसरे फेज में मप्र के 245 किमी सेक्शन में काम पूरा हुआ। इसका भी दो अक्टूबर को ग्वालियर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकार्पण कर दिया था। हालांकि बीस सितंबर से टोल वसूली के साथ मप्र के सारे सात इंटरचेंज से वाहनों की आवाजाही शुरु कर दी गई। ये क्षेत्र के लिए बड़ी सौगात है लेकिन सुविधाओं की कमी और लंबे रूट की रोड कनेक्टिवीटी नहीं होने से लगभग ट्रैफिक बहुत कम है। पखवाडेभर में ही घाटे के चलते टोल संचालन कंपनी ने टेंडर सरेंडर के लिए एप्लीकेशन भी दे दी।

सात इंटरचेंस पर टोल बूथ

दिल्ली से मुंबई जेएनपीटी पोर्ट तक एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 1386 किमी है। निर्माण पर लगभग एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च आएगा। अभी सिर्फ दिल्ली दौसा व मप्र सेक्शन का काम पूरा हुआ है। मप्र में 245 किमी लंबे एक्सप्रेस वे के निर्माण पर 9631 करोड़ रुपए खर्च हुए है। इसमें से 210 किमी क्षेत्र मेंं सात इंटरचेंस पर टोल बूथ के साथ कलेक्शन शुरु कर दिया है। टोल संचालन कांट्रेक्ट पाथ इंडिया कंपनी इंदौर ने लिया था और इसे हर रोज 18.76 लाख रुपए एनएचआई को देना है। यदि इस मान से अनुमान लगाए तो मप्र के हिस्से का निर्माण खर्च निकालने में ही करीब एक सौ चालिस साल लग जाएंगे। हालंाकि जब पूरा एक्सप्रेस वे चालू हो जाएगा, तब परिस्थितियां बदलेंगी और टोल कलेक्शन बढऩे से ये अवधि काफी हद तक घट जाएगी। अभी पाथ इंडिया कंपनी के अनुसार चौबीस घंटे में पांच सौ वाहन निकल रहे हैं और इनसे एवरेज चार लाख रुपए रोजाना का कलेक्शन हो रहा है। कभी कभी तो इससे भी कम। इसका कारण वाहनों की आवाजाही कम है। कंपनी को दस हजार वाहन निकलने की उम्मीद थी। इससे कंपनी काफी घाटे में जा रही है। यहीं कारण है कि कंपनी ने टेंडर सरेंडर की एप्लीकेशन दे दी है।

बढ़ेगी सुविधाएं-कनेक्टिविटी, बढ़ेगी आवाजाही

पूरे एक्सप्रेस वे पर औसत पचास किमी पर सर्व सुविधा युक्त वे साइड एमीनिटीज सेंटर बनाए  गए है। जावरा में यह तैयार किया गया है। जहां ना केवल ट्रामा सेंटर, फूड र्को, गैराज, पेट्रोल पंप, हेलीपैड जैसी सुविधा है बल्कि दोनों तरफ छोटे छोटे पोंड बनाकर इसे पर्यटन का लुक दिया गया है। ये इटालियन तकनीक से बनाए गए है। अभी ये चालू नहीं हुए है। टेंडर हो चुका है। लेकिन कांट्रेक्टर को छह महीने का समय दिया गया है। एनएचआर्ठ इसे और जल्द चालू करवाने का प्रयास कर रहा है। ताकि यहां ट्रॉफिक बढ़ सके। दूसरा प्रयास रोड कनेक्टिवीटी का चल रहा हैै। अभी उत्तर में कोटा और दक्षिण पश्चिम में दाहोद से रोड कनेक्टिवीटी नहीं हुई है।  इसलिए लंबे रूट के वाहन एक्सप्रेस वे पर नहीं चढ रहे। जैसे ही ये कनेक्टिविटी शुरु होगी, वाहनों की तादाद व टोल कलेक्शन बढ़ जाएगा।

पेट्रोलिंग भी बढ़ाई

शुरुआत में एक्सपे्रस वे पर रतलाम से झाबुआ के बीच कुछ वाहनों पर पथराव की घटनाएं हुई थी। इससे लोग डरे हुए थे, लेकिन अब निर्माण एजेंसी की मदद से एनएचआई ने पेट्रोलिंग शुरु करवा दी है। ऐसे में एक्सप्रेस वे पर आने वाले वाहनों को मदद मिलेगी। वहीं एनएचएआई ने स्पेशल सुरक्षाबल की तैनाती का प्रस्ताव भेज रखा है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments