Friday, December 6, 2024
HomeहोमNo new currency in market :नोटों की किल्लत, दस के सिक्के दे...

No new currency in market :नोटों की किल्लत, दस के सिक्के दे रहे तनाव

नोट की कमी, व्यापारी-ग्राहक दोनों कतरा रहे सिक्के लेने से

मंदसौर। बाजार  में दस के नए नोट आना बहुत पहले ही बंद होने के बाद अब पूरानेे दस के नोट और सिक्के चल रहे हैं। इन सिक्कों को लेने से ग्राहक कतरा रहा है तो वहीं व्यापारी भी परेशान है। ग्राहकों के अनुसार दस के पांच नोट जेब या पर्स में रखना आसान है। लेकिन पांच सिक्कों को रखना परेशानी है। इसी तरह से व्यापारियों के गल्ले में भी दस के सिक्के बड़ी मात्रा में जमा हो रहे हैं। सिक्कों का भारी मात्रा में बाजार में आना, आरबीआई द्वारा दस के नए नोट छापना बंद करना है।

आरबीआई से चेस्ट ब्रांचों को 20 रुपए, 50 रुपए, 100 रुपए और 500 रुपए के नए नोट मिल रहे हैं, लेकिन दस रुपए के नोट बंद हैं। साढ़े चार साल  पहले से बैंकों की ब्रांचों को नए नोट नहीं मिले हैं। आखिरी बार अक्टूबर 2018 में 10 के नए नोट आए थे। बैंकों के जरिए ग्राहकों को दस रुपए के नए नोट नहीं पहुंच रहे हैं। दीपावली जैसे त्योहार पर 10 के नए नोटों की किल्लत रही। लक्ष्मी पूजन पुराने नोटों से ही हो पाएगा। स्थिति यह है कि बाजार में जो भी लेन देन हो रहा है और पुराने नोटों से या दस रुपए के सिक्कों से हो रहा है।

इसलिए नए नोट आना हुए बंद

दस रुपए के नोट का बाजार में ज्यादा चलन है। सब्जी, दूध, फल सहित अन्य रोजमर्रा की खरीदी छोटे नोटों से होती है। खासकर दस रुपए के नोट से। इससे यह जल्दी फट जाते हैं। दस रुपए का एक नोट बनाने में 1.01 रुपए खर्च होते हैं। ज्यादा चलन होने से अधिकतम दो साल के भीतर दस रुपए का नोट खराब हो जाता है।वहीं एक सिक्का ढालने में 5.54 रुपए खर्च होते हैं। ये खराब नहीं होते हैं। चूंकि बाजार में दस रुपए की करेंसी का ज्यादा चलन है। इससे बैंकों का पूरा फोकस दस रुपए के सिक्कों पर है ताकि इनका चलन बड़े और दस रुपए के नोट की छपाई का खर्च बच सके।

शहर की बैंक ब्रांचों में रखे हैं 4-5 लाख के 10 रुपए वाले सिक्के

नोटबंदी के दौरान 500 और 1000 रुपए के नोट बंद कर दिए थे। बाजार में करेंसी की दिक्कत ना आए इसलिए बड़ी संख्या में 100 रुपए तक की करेंसी भेजी थी। बाजार में दस रुपए के सिक्कों की भरमार है। नोट बंदी के पहले बाजार में जहां सिक्कों की कमी थी और दस फीसदी राशि अधिक देने पर सिक्के मिल रहे थे। अब बैंकों के यह हाल है कि सिक्के लेने कोई नहीं आ रहा। हर बैंक की ब्रांचों में चार से पांच लाख रुपए के सिक्के रखे हैं।

फट जाता नोट, इसलिए बाजार में आए सिक्के

बाजार में नए नोट नहीं मिलने की वजह आरबीआई से बैंकों को नए नोट नहीं मिलना है। आरबीआई से चेस्ट ब्रांचों को नोट मिलते हैं। यहां से बैंकों की ब्रांचों के जरिए ये बाजार में पहुंचते हैं।बैंक अधिकारियों के अनुसार दस रुपए की करेंसी छोटी है और इसका चलन 20, 50 एवं 100 रुपए के नोट से ज्यादा होता है। सब्जी खरीदना, दूध लेना हो, चाकलेट, बिस्किट सहित अन्य छोटे-छोटे सामान की खरीदी में इसका उपयोग ज्यादा होता है। इससे यह जल्दी खराब हो जाता है। इसलिए आरबीआई ने यह कदम उठाया है। वैसे इससे ज्यादा फर्क नहीं पडेगा क्योंकि नोटबंदी के बाद से दस रुपए के सिक्के पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments