
Jabalpur Ordnance Factory में निगमीकरण (Corporatization) के बाद रक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। T-72 Tank, Dhanush Howitzer, और BrahMos Missile जैसी अत्याधुनिक रक्षा परियोजनाओं पर काम तेज़ी से जारी है। ये सभी प्रोजेक्ट भारतीय सेना (Indian Army) की ताकत को बढ़ाने के लिए बेहद अहम हैं।
निगमीकरण के बाद जबलपुर बना डिफेंस हब
निगमीकरण के बाद Jabalpur की Ordnance Factories ने अपनी उत्पादन क्षमता को और अधिक बढ़ा दिया है। यहाँ की चार प्रमुख निर्माणियां नए डिफेंस प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही हैं, जिनमें सबसे नया और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट T-72 टैंक की ओवरहॉलिंग (T-72 Tank Overhauling) है। इसके तहत दो T-72 टैंक जबलपुर लाए जाएंगे, जिनके लिए विशेष यूनिट तैयार हो चुकी है।
धनुष तोप और ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण
GCF (Gun Carriage Factory) ने पहले ही 155mm 45 कैलिबर धनुष तोप (Dhanush Howitzer) का निर्माण किया था, जो एक बड़ा रिकॉर्ड बना। अब यहाँ पर 155mm 52 कैलिबर टोड और माउंटेड धनुष तोप (Mounted Dhanush Howitzer) का निर्माण किया जाएगा। साथ ही, BrahMos Missile Warhead Filling का ट्रायल भी जारी है।
वीएफजे (VFJ) करेगा T-72 टैंक की ओवरहॉलिंग
Vehicle Factory Jabalpur (VFJ) अब T-72 Tank की Overhauling करेगा, जिसे MRO (Maintenance, Repair, and Overhaul) प्रोजेक्ट नाम दिया गया है। VFJ PRO विपुल बाजपेयी ने बताया कि 15 दिन में चेन्नई (Chennai) की Ordnance Factory Avadi से दो T-72 Tanks जबलपुर लाए जाएंगे।
ओएफके (OFK) में नए रक्षा उत्पादों का निर्माण
Ordnance Factory Khamaria (OFK) में 84mm ATAGS की तैयारी पूरी हो चुकी है, जिसका परीक्षण जल्द ही हिमालय की बर्फीली पहाड़ियों में किया जाएगा। इसके अलावा, L-70 Anti-Aircraft Gun Ammunition को अपग्रेड किया गया है।
अब नहीं मनाया जाता आयुध निर्माणी दिवस
पहले 18 मार्च को आयुध निर्माणी दिवस (Ordnance Factory Day) मनाया जाता था, लेकिन निगमीकरण के बाद इसका आयोजन बंद कर दिया गया है। हालांकि, इस बदलाव के बावजूद रक्षा उत्पादों के निर्माण में कोई कमी नहीं आई है, बल्कि नई तकनीकों का तेजी से विकास किया जा रहा है।
रक्षा क्षेत्र में जबलपुर की 5 बड़ी उपलब्धियां
Jabalpur Ordnance Factories में नए डिफेंस प्रोडक्ट्स (Defense Products) का निर्माण तेजी से हो रहा है।
T-72 टैंक (T-72 Tank), धनुष तोप (Dhanush Howitzer), और ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos Missile) पर काम जारी है।
VFJ, GCF और OFK जैसी फैक्ट्रियां रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
MRO प्रोजेक्ट के तहत VFJ पहली बार T-72 Tank की ओवरहॉलिंग करने जा रहा है।
निगमीकरण के बावजूद, आयुध निर्माणियां लगातार आधुनिक डिफेंस टेक्नोलॉजी (Modern Defense Technology) पर काम कर रही हैं।
जबलपुर की आयुध निर्माणियां भारत की रक्षा ताकत (Defense Power) को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा रही हैं। T-72 Tank Overhauling, Dhanush Howitzer Upgradation, और BrahMos Missile Warhead Development जैसे प्रोजेक्ट भारत को आत्मनिर्भर (Atmanirbhar Bharat) बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।
क्या भारत की रक्षा क्षमता में यह नए बदलाव गेम-चेंजर साबित होंगे? अपनी राय कमेंट में बताएं!