एमपी में होगी बड़े पैमाने पर जांच की सुविधा

मध्य प्रदेश में वर्तमान में कुछ मेडिकल कॉलेजों में बीएसएल-2 स्तर की वायरोलॉजी लैब्स हैं, लेकिन ये खतरनाक वायरस की जांच करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं, क्योंकि न तो स्टाफ प्रशिक्षित है और न ही इस स्तर की लैब्स में बड़े पैमाने पर जांच की सुविधा है। जबलपुर में स्थापित होने वाली लैब इस कमी को दूर करेगी।
खतरनाक वायरस की जांच और शोध में भी सुविधा
Read more: मध्य प्रदेश को मिलेगी राष्ट्रीय वायरोलॉजी लैब: स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी सौगात या खतरे की घंटी? VIRUS LAB IN MPयह लैब जबलपुर में बनने के बाद मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में वायरस से संबंधित बीमारियों की जांच के लिए एक बड़ी सुविधा प्रदान करेगी। राष्ट्रीय वायरोलॉजी लैब की स्थापना से गंभीर बीमारियों की जांच में बड़ी राहत मिलेगी। लैब में खतरनाक वायरस की जांच होगी और शोध में भी सुविधा मिलेगी। यह लैब दो से तीन सालों में प्रारंभ हो सकती है, और इससे वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी।
मंकीपॉक्स, निपाह, इबोला जैसी बीमारियों की होगी जांच
इस लैब के माध्यम से प्रमुख वायरसों जैसे बर्ड फ्लू, प्लेग, निपाह वायरस, इबोला, जीका, हंपी वायरस, एंथ्रेक्स, रिफ्ट वैली फीवर, मंकीपॉक्स, काऊपॉक्स आदि की जांच की जा सकेगी। इसके अलावा, जैविक आतंकवाद से संबंधित बैक्टीरियाओं पर भी शोध किया जा सकेगा। एनआईवी पुणे में भारी दबाव होने के कारण और खतरनाक वायरस की बढ़ती संख्या को देखते हुए देश के अन्य क्षेत्रों में चार और लैब बनाई जा रही हैं। बीएसएल सेफ्टी मानक के अनुसार, ये लैब्स वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित बनाई जाएंगी।
5 मुख्य बिंदुओं से समझें पूरा मामला
✅ जबलपुर में राष्ट्रीय वायरोलॉजी लैब की स्थापना की घोषणा, जो खतरनाक वायरस की जांच में मदद करेगी।
✅ लैब में प्लेग, निपाह वायरस, इबोला, जीका, सार्स जैसी बीमारियों की जांच की जाएगी।
✅ मध्य प्रदेश में बीएसएल-2 लैब्स की कमी को पूरा करने के लिए नई लैब का निर्माण।
✅ जैविक आतंकवाद से संबंधित बैक्टीरिया और वायरस पर भी शोध किया जाएगा।
✅ बीएसएल सुरक्षा मानक के तहत लैब की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।