भोपाल – प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी 2.0 (PMAY-U 2.0) के तहत मध्य प्रदेश को बड़ा झटका लगा है! इस बार केंद्र सरकार ने नए आवास आवंटन (New Housing Allocation) की सूची में मध्य प्रदेश को शामिल ही नहीं किया, जिससे लाखों गरीबों की पक्के घर की उम्मीद (Affordable Housing Hope) अधर में लटक गई।

केंद्र की मंजूरी, लेकिन MP को एक भी आवास नहीं!
हाल ही में केंद्रीय आवासन और शहरी मामलों के मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Affairs) ने 20 मार्च को वित्तीय वर्ष 2025-26 (FY 2025-26) के लिए 3.53 लाख नए आवास (New Housing Units) मंजूर किए, लेकिन मध्य प्रदेश के हिस्से में एक भी घर नहीं आया! इस बार आवंटन सिर्फ 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (States & UTs) को मिला, जिनमें शामिल हैं:
✅ आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh)
✅ अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh)
✅ बिहार (Bihar)
✅ हरियाणा (Haryana)
✅ जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir)
✅ ओडिशा (Odisha)
✅ पुडुचेरी (Puducherry)
✅ राजस्थान (Rajasthan)
✅ तेलंगाना (Telangana)
✅ उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)
MP को क्यों नहीं मिली मंजूरी? देरी की असली वजह क्या?
सूत्रों के मुताबिक, मध्य प्रदेश सरकार की लेटलतीफी (Delay in MP Government) इस संकट की वजह बनी।
👉 राज्य मंत्रिपरिषद (State Cabinet) ने 10 फरवरी को 10 लाख नए आवासों की मंजूरी (10 Lakh New Houses Approval) दी थी, लेकिन केंद्र सरकार (Central Government) को भेजने के लिए समय पर प्रस्ताव (Proposal Submission Delay) ही नहीं भेजे गए!
👉 स्थानीय निकायों (Urban Local Bodies – ULBs) से सही समय पर डेटा नहीं जुटाया गया, जिसके कारण केंद्र की CSMC (Central Sanctioning and Monitoring Committee) बैठक में मध्य प्रदेश की चर्चा तक नहीं हुई।
💡 देरी के पीछे क्या कारण थे?
🔴 ब्यूरोक्रेटिक सुस्ती (Bureaucratic Delays) – कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद भी, फाइलें आगे बढ़ाने में देरी की गई।
🔴 नगर निकायों की लापरवाही (Negligence of Urban Local Bodies) – कई नगरीय निकायों ने समय पर अपने प्रस्ताव भेजे ही नहीं, जिससे अंतिम प्रस्ताव केंद्र तक नहीं पहुंचा।
🔴 प्रस्ताव तैयार करने में देरी (Delay in Proposal Drafting) – अधिकारियों ने जिलों से प्रस्ताव मंगाने में देर कर दी, और डेटा समय पर नहीं संकलित हो सका।
🔴 राजनीतिक प्राथमिकताएं (Political Priorities) – अन्य योजनाओं में व्यस्त सरकार ने इस प्रस्ताव को प्राथमिकता नहीं दी।
📌 अब सवाल उठता है कि मध्य प्रदेश के लाखों गरीबों को उनका हक कब मिलेगा?
PMAY-U 2.0 में किन्हें मिल रहा है फायदा?
प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी 2.0 का दायरा पहले से बड़ा किया गया है। इस योजना में अब गरीब परिवारों (BPL Families), विधवाओं (Widows), दिव्यांग (Disabled), वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens), ट्रांसजेंडर (Transgender), SC/ST, अल्पसंख्यक (Minorities), स्ट्रीट वेंडर्स (Street Vendors) और कारीगरों (PM Vishwakarma Yojana Artisans) को प्राथमिकता दी जा रही है।
लाड़ली बहना आवास योजना का क्या होगा?
मध्य प्रदेश सरकार ने “लाड़ली बहना आवास योजना (Ladli Behna Awas Yojana)” को भी PMAY-U 2.0 में मर्ज कर दिया है। पहले इसमें 1.2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता (₹1.2 Lakh Financial Aid) दी जाती थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर ₹2.5 लाख (₹2.5 Lakh under EWS Category) कर दिया गया है।
MP सरकार की सफाई: अगली बैठक में उम्मीद!
👉 नगरीय विकास एवं आवास विभाग (Urban Development & Housing Department) के अपर मुख्य सचिव संजय शुक्ला का कहना है कि –
✅ अब सभी नगरीय निकायों (Urban Local Bodies) से प्रस्ताव मांगे जा रहे हैं।
✅ सभी प्रस्ताव एकत्र कर केंद्र को भेजे जाएंगे।
✅ अगली CSMC बैठक में मध्य प्रदेश के प्रस्तावों पर विचार होगा।
✅ अगले 5 साल में 10 लाख आवास बनाए जाएंगे।
क्या MP के गरीबों को मिलेगी पक्की छत?
📌 PMAY-U 2.0 के तहत देशभर में अब तक 118.64 लाख आवास (118.64 Lakh Houses Sanctioned) मंजूर हो चुके हैं, और 92 लाख आवास (92 Lakh Houses Completed) लाभार्थियों को सौंपे जा चुके हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के लाखों परिवार अभी भी पक्के घर की आस (Hope for Permanent Housing) में बैठे हैं।
💡 अब देखना होगा कि अगली बैठक में मध्य प्रदेश को कितना लाभ मिलेगा, या फिर गरीबों की उम्मीदें एक बार फिर टूट जाएंगी!
👉 आपके विचार?
क्या MP सरकार की देरी (Delay in Proposal Submission) गरीबों के हक पर भारी पड़ रही है? क्या PMAY-U 2.0 में मध्य प्रदेश को जल्द से जल्द आवंटन मिलना चाहिए? अपनी राय कमेंट में बताएं! ⬇️