
मध्यप्रदेश के मंडला जिले में बैगा आदिवासी युवक की पुलिस एनकाउंटर में मौत के बाद विधानसभा में 17 मार्च को जोरदार हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायकों ने इस घटना के खिलाफ कड़ा विरोध जताते हुए विधानसभा के भीतर प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है और आदिवासी समुदाय के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहे हैं।
विधानसभा में कांग्रेस विधायकों का प्रदर्शन
जैसे ही विधानसभा सत्र शुरू हुआ, कई कांग्रेस विधायक गैलरी में उतर आए और पुलिस अधीक्षक (SP) और कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष की आसंदी के सामने धरना देकर सरकार की कड़ी आलोचना की।
कांग्रेस विधायक ओमकार मरकाम ने कहा कि यह घटना मध्यप्रदेश में आदिवासियों के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों का उदाहरण है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस मुद्दे को दबाने की कोशिश कर रही है और आदिवासी मामलों को लेकर संवेदनशील नहीं है।
सदन में बढ़ता हंगामा और वॉकआउट
धरना और नारेबाजी के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने कई बार कांग्रेस विधायकों से शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन उन्होंने विरोध जारी रखा। जब हंगामा और बढ़ गया, तो विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। इस विरोध में हीलालाल अलावा, विक्रांत भूरिया, सेना महेश पटेल और भारत आदिवासी पार्टी के कमलेश्वर डोडियार समेत कई अन्य कांग्रेस विधायक शामिल थे।
इस घटना ने राज्य में आदिवासी अधिकारों और पुलिस कार्रवाई पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता में नाराजगी बढ़ रही है, क्योंकि अभी तक जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई है। सरकार पर दबाव बढ़ रहा है कि वह इस मुद्दे पर जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए।