
Madhya Pradesh Congress अब संगठनात्मक स्तर पर बड़े बदलाव की ओर कदम बढ़ा रही है। पार्टी ने हाल के Vidhansabha और Loksabha Elections में कमजोर प्रदर्शन के बाद, संगठन को नए सिरे से सशक्त बनाने की योजना बनाई है। इसके तहत, प्रदेश में 50 प्रतिशत से अधिक जिला अध्यक्षों (District Congress Presidents) को उनके पदों से हटाया जा सकता है।
क्या है बदलाव की वजह?
इस बदलाव के पीछे मुख्य रूप से दो कारण हैं:
- कई जिलाध्यक्ष लंबे समय से पद पर बने हुए हैं, लेकिन उनके नेतृत्व में पार्टी को कोई खास सफलता नहीं मिली।
- कुछ जिलों में Congress Performance बेहद कमजोर रहा, जिससे संगठन की जमीनी पकड़ पर सवाल खड़े हो गए हैं।
इन जिलों में वर्षों से जमे हैं अध्यक्ष
- Gwalior में देवेंद्र शर्मा 2018 से कांग्रेस जिलाध्यक्ष हैं।
- Ujjain Rural में कमल पटेल 2018 से पद पर हैं।
- Shahdol में सुभाष गुप्ता भी 2018 से जिला अध्यक्ष हैं।
- Satna Urban में मकसूद अहमद पिछले 12 वर्षों से पद पर काबिज हैं।
- Satna Rural में दिलीप मिश्रा 10 साल से अध्यक्ष हैं।
- Neemuch में अनिल चौरसिया पिछले 7 सालों से जिला अध्यक्ष का कार्यभार संभाल रहे हैं।
अहमदाबाद अधिवेशन के बाद होगा ऐलान
8-9 अप्रैल को Ahmedabad में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन (National Convention) आयोजित किया जा रहा है। पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, इस अधिवेशन के बाद District Level Changes की औपचारिक घोषणा की जाएगी। कहा जा रहा है कि नई सूची में युवा, ऊर्जावान और जमीनी कार्यकर्ताओं (Youth & Ground-Level Workers) को प्राथमिकता दी जाएगी।
राहुल गांधी की बैठक में टिकट प्रक्रिया को लेकर चर्चा
3 अप्रैल को राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई जिलाध्यक्षों ने Ticket Distribution Process में भागीदारी की मांग रखी थी। राहुल गांधी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि भविष्य में उन्हें पार्षद से लेकर लोकसभा चुनावों तक टिकट वितरण में शामिल किया जाएगा और उन्हें संगठन की मजबूती की ज़िम्मेदारी भी सौंपी जाएगी।
संगठन को फिर से खड़ा करने की तैयारी
MP PCC Media Department Chairman Mukesh Nayak ने बताया कि Ahmedabad Convention के बाद प्रदेश में कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा (Organizational Structure) पूरी तरह से नया रूप लेगा। पार्टी सरकार के खिलाफ एक मज़बूत विपक्ष (Strong Opposition) की भूमिका निभाने के लिए खुद को तैयार कर रही है।