पीडब्ल्यूडी अधिकारी
कमल जैन के पुत्र ने रचा फर्जी अपहरण, पिता के पुराने कारनामे भी आए सुर्खियों में
मंदसौर। ‘मसालेदार परंपरा’ शायद इसी को कहते हैं—क्योंकि जिस कमल जैन के कारनामे पहले से शहर में चर्चा का विषय रहे, उसी के पुत्र हर्षुल जैन ने अब ऐसा ड्रामा रच दिया कि पूरा पुलिस महकमा घंटों छक गया। पिता की बदनामी अलग और बेटे की ‘कृति’ अलग—शहर में दोनों के नाम पर तंज की बरसात हो गई—“बाप नंबरी… बेटा दस नंबरी!”
फर्जी अपहरण का पूरा खेल ऐसे चला
13 नवम्बर को कमल जैन ने शामगढ़ थाने में रिपोर्ट लिखाई कि उसके बेटे हर्षुल का अपहरण हो गया है और 50 लाख की फिरौती मांगी जा रही है।
फोन की लोकेशन बदलने, अलग-अलग जगहों से कॉल आने और बार-बार कहानी बदलने के कारण पुलिस ने तुरंत कई टीमें तैनात कीं।
कोटा, बूंदी, नागौर, डीडवाना (राजस्थान) तक दबिशें चलीं।
24 घंटे की लगातार जांच के बाद सच्चाई चौंकाने वाली थी, अपहरण हुआ ही नहीं था।
बेटा खुद, अपने दोस्तों के साथ मिलकर पिता से फिरौती ऐंठने की प्लानिंग कर रहा था।
क्यों रचा गया नाटक?
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि हर्षुल अपने साथियों गणपत सिंह हाड़ा और जनरल सिंह के साथ मिलकर प्लान बनाने में कई दिन से लगा था।
- खुद छिप जाना
- पिता को डराना
- बड़ी रकम वसूलकर आपस में बांटना
- मोबाइल की लोकेशन अलग-अलग राज्यों में ले जाना
सब कुछ सोच-समझकर किया गया था।
लेकिन पुलिस की साइबर सेल और संयुक्त टीमों की बारीकी के आगे सब टूट गया।
गिरफ्तार — फरार
गिरफ्तार:
- हर्षुल पिता कमल जैन
- गणपत सिंह हाड़ा, नागौर
फरार:
- जनरल सिंह पुत्र सुखविंदर
- कुलदीप पुत्र गुलजार खां, बूंदी
कमल जैन के ‘कारनामों की फाइल’ फिर खुल गई
फर्जी अपहरण ने पिता कमल जैन के पुराने कारनामों की चर्चा को भी फिर से जगा दिया है—
- लेनदेन के विवाद
- कई लोगों से पुराने झमेले
- प्रशासनिक स्तर पर दर्ज शिकायतें
- दूधाखेड़ी के समय ‘लायन ऑर्डर’ की बिगड़ी स्थिति, जिस पर मुश्किल से नियंत्रण हुआ था
- वहां भी कमल जैन को लेकर कई आरोप और विवाद खड़े हुए थे
कारनामे कमाल के…अब दोनों बाप-बेटे के नाम एक साथ लिए जा रहे हैं—“ऊपर बाप के किस्से और नीचे बेटे की हरकत… दोनों ने मिलकर घर की इज्जत का कचूमर निकाल दिया!”
दूधाखेड़ी माता मंदिर क्षेत्र श्रद्धा और आरोग्य के लिए जाना जाता है, और उस समय की अव्यवस्था की चर्चा आज भी होती है।
लोग कह रहे हैं कि “बाप ने अपनी अलग छाप छोड़ी थी… बेटा उससे भी दो कदम आगे निकल गया।”
पुलिस की कार्रवाई सराहनीय
- 24 घंटे में केस क्रैक
- साइबर सेल की तकनीकी जांच
- राजस्थान तक दबिश
- false kidnapping का पूरा भांडा फोड़





