
उज्जैन।
उज्जैन में आज भक्ति, आस्था और परंपरा का अनोखा संगम देखने को मिला, जब बाबा महाकाल के सेनापति भगवान काल भैरव अपनी शाही सवारी के साथ नगर भ्रमण पर निकले। भैरव अष्टमी के भव्य जन्मोत्सव के अगले ही दिन, कृष्ण पक्ष की नवमी पर भगवान चांदी की पालकी में विराजमान होकर अपनी प्रजा का हाल जानने निकले तो पूरा शहर हर-हर भैरव की गूँज से भर उठा।
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कलेक्टर और एसपी ने पूजा कर रवाना की शाही सवारी
सवारी आरंभ होने से पूर्व काल भैरव मंदिर में कलेक्टर रोशन सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा ने विधिवत पूजा-अर्चना की। दोनों अधिकारी स्वयं पालकी के कंधे लगाकर भगवान को नगर भ्रमण के लिए रवाना करते नजर आए। मंदिर के मुख्य द्वार पर तैनात पुलिस दल ने भगवान काल भैरव को गार्ड ऑफ ऑनर भी देकर परंपरा का सम्मान किया।
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सेंट्रल जेल में कैदियों को दिए दर्शन — सबसे भावुक क्षण
सवारी का सबसे भावनात्मक दृश्य तब सामने आया, जब भगवान काल भैरव की पालकी भैरवगढ़ सेंट्रल जेल पहुँची। जेल अधीक्षक मनोज साहू की उपस्थिति में बंद कैदियों को विशेष दर्शन कराए गए।
मंदिर के पुजारी ओमप्रकाश चतुर्वेदी के अनुसार, कैदियों ने भी हाथ जोड़कर बाबा का आशीर्वाद लिया और कई की आंखें नम हो गईं। सवारी के साथ भारी संख्या में भक्तों का जनसैलाब भी उमड़ा रहा।
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सिद्धवट पर शिप्रा जल से अभिषेक, भव्य झांकियां आकर्षण का केंद्र
इसके बाद शाही सवारी भैरवगढ़ चौराहा होते हुए सिद्धवट मंदिर पहुंची, जहाँ भगवान काल भैरव का शिप्रा नदी के जल से अभिषेक किया गया।
पूजा-अर्चना के उपरांत सवारी परंपरागत मार्ग से होते हुए पुनः काल भैरव मंदिर लौटी। पुलिस बैंड, सुरक्षा दल और आकर्षक झांकियों ने पूरे मार्ग को उत्सव और भक्ति के रंगों से भर दिया।





