
ओंकारेश्वर से बड़ी खबर — मां नर्मदा के पावन तट पर श्रद्धा और लापरवाही का दर्दनाक संगम।
नर्मदा नदी में स्नान करने पहुंचे श्रद्धालुओं की आस्था लगातार हादसों में बदलती जा रही है। मंगलवार को ब्रह्मपुरी घाट पर उत्तर प्रदेश के मथुरा के दो युवक नर्मदा में डूब गए। यह दो दिनों में दूसरी और एक हफ्ते में पाँचवीं डूबने की घटना है।
प्रतिबंधित क्षेत्र में गए श्रद्धालु, तेज बहाव में बह गए
जानकारी के मुताबिक, मथुरा (उत्तर प्रदेश) निवासी
तुषार बंसल (उम्र 21 वर्ष, पिता रमेश बंसल)
और आकाश ठाकुर (उम्र 20 वर्ष, पिता धर्मवीर सिंह ठाकुर)
अपने आठ साथियों के साथ ओंकारेश्वर दर्शन के लिए पहुंचे थे।
मंगलवार को वे ब्रह्मपुरी घाट पर नर्मदा स्नान कर रहे थे, इसी दौरान दोनों युवक प्रतिबंधित क्षेत्र में चले गए और तेज बहाव में बह गए।
राहत और बचाव अभियान जारी
घटना की जानकारी मिलते ही ओंकारेश्वर पुलिस, स्थानीय गोताखोरों और एनडीआरएफ की टीम ने मोर्चा संभाला।
घंटों तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन देर रात तक दोनों युवकों का कोई सुराग नहीं मिल सका।
एक हफ्ते में पाँच लोगों की मौत, श्रद्धालु सहमे
बीते एक सप्ताह में नर्मदा नदी में यह तीसरी बड़ी और कुल पाँचवीं डूबने की घटना है।
सिर्फ दो दिन पहले पुणे (महाराष्ट्र) के दंपति प्रवीण मैडम और सुनंदा मैडम भी नर्मदा में डूब गए थे।
सुनंदा का शव बड़वाह क्षेत्र के कोठावा आश्रम के पास बरामद हुआ, जबकि प्रवीण का शव ओंकारेश्वर घाट पर ही मिला था।
घाटों पर सुरक्षा के नाम पर सिर्फ बोर्ड, कोई कर्मी नहीं
स्थानीय लोगों ने बताया कि ओंकारेश्वर के घाटों पर कोई सुरक्षा गार्ड नहीं होता, न ही सायरन बजता है।
नर्मदा में श्रद्धा से उतरने वाले कई लोग लापरवाही का शिकार होकर जान गंवा रहे हैं।
ओंकारेश्वर बांध से अचानक छोड़े जाने वाला पानी भी हादसों की बड़ी वजह बन रहा है।
श्रद्धा बनाम सिस्टम की लापरवाही
एक हफ्ते में पाँच लोगों की जान जाने के बाद अब यह सवाल गूंज रहा है —
“ओंकारेश्वर में श्रद्धा की डुबकी कब तक लापरवाही में बदलती रहेगी?”
तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में सुरक्षा व्यवस्था की कमी और प्रशासनिक लापरवाही पर अब लोगों में आक्रोश है।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए घाटों पर सुरक्षा कर्मी और बचाव उपकरण तैनात करने की मांग लगातार उठ रही है।






