
“गोर्धनसिंह को बिना नोटिस गंभीर केस में घेरने पर ग्रामीणों में रोष —किसान नेता जोकचन्द के नेतृत्व में सीबीएन कार्यालय का घेराव, निष्पक्ष व पारदर्शी जांच की मांग
पिपलियामंडी युवक को झूठा फँसाने का आरोप — किसान नेता जोकचन्द के नेतृत्व में सीबीएन कार्यालय का घेराव, निष्पक्ष जांच की मांग तेज
एक साधारण मजदूर को ‘पायलटिंग’ मामले में फँसाने पर ग्रामीणों का फूटा आक्रोश, नारकोटिक्स डीओ को सौंपा गया विस्तृत ज्ञापन — सात दिन में जांच का भरोसा
पिपलियामंडी के एक साधारण मजदूर युवक गोर्धनसिंह राजपूत को एनडीपीएस एक्ट के प्रकरण में कथित रूप से झूठा फँसाए जाने के आरोप ने पूरे क्षेत्र में गहरा आक्रोश खड़ा कर दिया है। इसी को लेकर शुक्रवार को किसान नेता श्यामलाल जोकचन्द के नेतृत्व में ग्रामीणों, महिलाओं और सैकड़ों स्थानीय नागरिकों का समूह नीमच स्थित केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) कार्यालय पहुँचा।प्रदर्शनकारियों ने लगभग एक घंटे तक जोरदार नारेबाजी कर कार्यालय का घेराव किया। इसके बाद नारकोटिक्स विभाग के डीओ राजेन्द्रसिंह को विस्तृत ज्ञापन सौंपकर निष्पक्ष व गहन जांच की मांग की गई। अधिकारी ने सात दिनों में जांच के प्राथमिक नतीजे सामने लाने का भरोसा दिया।
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युवक पर गंभीर आरोप, पर ग्रामीण बोले, “संतुलित, सरल और मेहनतकश”
प्रकरण का केंद्र गोर्धनसिंह राजपूत, निवासी अयोध्या बस्ती, पिपलियामंडी हैं, जो गिट्टी, मार्रम और अन्य निर्माण सामग्री की सप्लाई का कार्य करते हैं। ग्रामीणों के अनुसार उनकी आर्थिक स्थिति सामान्य, व्यवहार शांत-सरल है और आज तक कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं हुआ।इसी पृष्ठभूमि में उन पर अचानक तस्करी से जुड़ी ‘पायलटिंग’ का आरोप लगना लोगों के लिए चौंकाने वाला है।
भाजपा नेता को नोटिस, लेकिन युवक को नहीं, संदेह और गहराया
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पिपलियामंडी निवासी भाजपा नेता दिनेश पोरवाल को तो नारकोटिक्स विभाग ने नोटिस जारी किया था, लेकिन गोर्धनसिंह को कोई नोटिस नहीं मिला। इसके बावजूद अगले ही दिन पता चला कि गोर्धनसिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।स्थानीय लोगों का आरोप है कि पोरवाल स्वयं गोर्धनसिंह को नारकोटिक्स कार्यालय लेकर गए और वापस छोड़ गए, जिससे यह आशंका और घनी हो गई कि कहीं किसी स्तर पर सांठगांठ हुई हो।
“ऐसा अत्याचार अंग्रेजों के दौर में भी नहीं” — किसान नेता जोकचन्द
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए किसान नेता जोकचन्द ने कहा—“
पिछले दिनों से लगातार निर्दाेष किसानों, मजदूरों और युवाओं पर झूठे मुकदमे थोपे जा रहे हैं। यह स्थिति अंग्रेजी हुकूमत की याद दिलाने लगी है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो जनआक्रोश फूटेगा, जिसकी जिम्मेदारी संबंधित विभागों की होगी।”उन्होंने विभाग से मांग की कि साफ-साफ बताया जाए कि किस आधार पर एक निर्दाेष मेहनतकश युवक को गंभीर आरोपों में घेरा गया।
ज्ञापन में उठाई गई मुख्य माँगें
डीओ को सौंपे गए ज्ञापन में निम्न प्रमुख बिंदुओं का उल्लेख किया गया—
गोर्धनसिंह पर दर्ज प्रकरण संदिग्ध है, आरोपों के समर्थन में कोई ठोस प्रमाण नहीं।
युवक की किसी भी अवैध गतिविधि में संलिप्तता का कोई रिकॉर्ड नहीं।
आरोप सिर्फ अनुमान और गलत व्याख्या पर आधारित प्रतीत होते हैं।
प्रकरण की निष्पक्ष व गहन जांच की जाए।
यदि युवक निर्दाेष पाया जाए तो उन्हें तत्काल आरोपमुक्त कर राहत दी जाए।
यदि किसी ने व्यक्तिगत स्वार्थ या दबाव में झूठा प्रकरण तैयार किया है, तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई हो।
भविष्य में निर्दाेष व्यक्तियों को फर्जी मामलों में न घेरने हेतु दिशा-निर्देश जारी हों।
बड़ी संख्या में लोग रहे मौजूद
धरना-प्रदर्शन में अयोध्या बस्ती सहित आसपास के ग्रामीण, महिलाएँ और युवा बड़ी संख्या में शामिल हुए।इस दौरान कमलेश पटेल, भगराम डाबी, धर्मेन्द्र धनगर, गफ्फार रंगरेज, ईशु धनगर, रघुवीरसिंह सोनगरा, लाला पाटीदार, इन्द्रदेव पाटीदार, छगन पाटीदार, विनोद पाटीदार, राजपालसिंह सहित अनेक लोग मौजूद रहे।प्रदर्शन के बाद लोगों ने चेतावनी दी कि यदि न्याय नहीं मिला तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
भाजपा नेता दिनेश पोरवाल बोले
— “साजिश का हिस्सा नहीं, सिर्फ पूछताछ हुई”
दूसरी ओर भाजपा नेता दिनेश पोरवाल ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा
“जिस कार को मैंने सात महीने पहले गोर्धनसिंह को बेचा था, उसी कार के पिछले किसी तस्करी प्रकरण से जुड़े होने की जांच में सीबीएन ने मुझे बुलाया था। मेरा इस प्रकरण या किसी साजिश से कोई संबंध नहीं है। मैं भी चाहता हूँ कि पूरी निष्पक्षता से जांच हो और निर्दोष को न्याय मिले।”
विभाग की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा
फिलहाल केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि विभाग शीघ्र जांच कर सच्चाई सामने लाएगा और निर्दाेष को राहत देगा।




