

मंदसौर। डिजिटल युग में स्क्रीन की चमक बच्चों की आंखों के लिए खतरे की घंटी बन चुकी है। जिला अस्पताल और निजी चिकित्सालयों में पिछले कुछ माह से आंखों के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी है, खासकर बच्चों की। नेत्र विशेषज्ञ इसे मोबाइल और टीवी के अत्यधिक उपयोग का परिणाम मान रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि आज बच्चों की दिनचर्या में खिलौनों की जगह मोबाइल और टैबलेट ने ले ली है। इससे उनकी आंखों पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है और छोटी उम्र में चश्मे की जरूरत बढ़ती जा रही है।
सरकारी और निजी अस्पतालों को मिलाकर औसत डेढ़ सौ मरीज आंखों की समस्या लेकर पहुंच रहे हैं। इन मरीजों में करीब 25 प्रतिशत बच्चे शामिल हैं। चिकित्सकों के अनुसार, लंबे समय तक स्क्रीन को देखने से बच्चों में मायोपिया (निकट दृष्टिदोष), आंखों में जलन, धुंधलापन और सिरदर्द जैसी समस्याएं तेजी से सामने आ रही हैं। तकनीक ने सुविधाएं दी हैं, लेकिन इसके दुष्प्रभाव भी सामने आ रहे हैं। विशेषकर बच्चों की आंखें लगातार स्क्रीन की रोशनी से प्रभावित हो रही हैं। ऐसे में माता-पिता और स्कूलों को जिम्मेदारी निभानी होगी। बच्चों को स्क्रीन की दुनिया से निकालकर खेल, किताबें और रचनात्मक गतिविधियों की ओर बढ़ाना जरूरी है। आंखें अनमोल हैं और उनका बचपन चश्मे के बोझ तले नहीं दबना चाहिए।
ब्लू लाइट आंखों की रेटिना को करती प्रभावित
नेत्र विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर और लैपटॉप की स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट आंखों की रेटिना को प्रभावित करती है। यह रोशनी आंखों की कोशिकाओं को थका देती है और धीरे धीरे दृष्टि क्षमता को कम करती है। बच्चों की आंखें अभी विकास की प्रक्रिया में होती हैं, ऐसे में ब्लू लाइट का प्रभाव और भी अधिक खतरनाक साबित होता है।
आॅनलाइन पढ़ाई और स्मार्टफोन बीमारी का बड़ा कारण
कोविड के बाद से आॅनलाइन पढ़ाई और मोबाइल आधारित होमवर्क का चलन बढ़ा है। अब विद्यालयों का पढ़ाई देने का बड़ा साधन मोबाइल बन गया है। परिणामस्वरूप बच्चे घर पर भी अधिक समय स्क्रीन के सामने बिताने लगे हैं। डॉक्टरों के अनुसार, कई बच्चे एक ही पोजीशन में 2 से 3 घंटे तक मोबाइल देखते रहते हैं, जिससे आंखें सूखने लगती हैं और धुंधलापन बना रहता है।
चिकित्सक सलाह-बचाव के उपाय
-दिन में कई बार आंखों को ठंडे पानी से धोएं
-बच्चों को अनावश्यक मोबाइल न दें
-गेम, वीडियो और मूवी देखने की लत से बचाएं
-टीवी और कम्प्यूटर स्क्रीन के सामने कम समय बैठाएं
-पढ़ाई के दौरान हर 20 मिनट बाद आंखों को आराम दें




