Tuesday, July 1, 2025
Homeक्राइमViral video put mandsaur officials in corruption जिला आबकारी अधिकारी पर 10...

Viral video put mandsaur officials in corruption जिला आबकारी अधिकारी पर 10 लाख की रिश्वत मांगने का आरोप, सोशल मीडिया पर हुआ वीडियो ज़बर्दस्त वायरल

मंदसौर।
मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां जिला आबकारीn अधिकारी पर 10 लाख रुपये रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लगाया गया है। यह मामला प्रदेश के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा के विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा है, जिससे यह और भी संवेदनशील हो गया है।

रविवार शाम को पिपलियामंडी नगर की चौपाटी स्थित शराब दुकान पर जिला आबकारी अधिकारी बीएल डांगी अपनी टीम के साथ पहुंचे थे। निरीक्षण के दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई और दुकान को बंद करवा दिया गया। दुकान के सेल्समेन का आरोप है कि अधिकारियों ने जानबूझकर दुकान बंद करवाई क्योंकि उन्होंने 10 लाख रुपये की रिश्वत देने से इंकार कर दिया।

वायरल वीडियो से बढ़ा विवाद

इस पूरे घटनाक्रम से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति स्पष्ट रूप से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि –

“आज पिपलियामंडी शराब दुकान पर डीओ साहब की तानाशाही। 10 लाख रुपए मंथली के तौर पर मांगे जा रहे हैं।”

इस वीडियो में जिला आबकारी अधिकारी बीएल डांगी को सीधे तौर पर भ्रष्टाचार के आरोपों से जोड़ा गया है।

डीओ ने आरोपों को बताया निराधार

इस मामले में जब जिला आबकारी अधिकारी बीएल डांगी से बात की गई तो उन्होंने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना है कि

“हम केवल नियमित निरीक्षण के लिए गए थे। दुकान पर अनियमितता देखी गई थी, जिसके कारण कार्रवाई की गई। रिश्वत मांगने का आरोप बिल्कुल बेबुनियाद और झूठा है।”

क्यों है मामला अहम?
• यह विवाद प्रदेश के वित्त मंत्री के क्षेत्र से जुड़ा है।
• मामला शराब माफिया और सरकारी तंत्र की सांठगांठ की आशंका को जन्म देता है।
• सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने मामले को जनचर्चा में ला दिया है।

जांच की मांग तेज

स्थानीय नागरिकों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि वास्तव में किसी अधिकारी ने रिश्वत की मांग की है, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।

मंदसौर जिले में सामने आया यह मामला राज्य की आबकारी व्यवस्था और भ्रष्टाचार के आरोपों की गंभीरता को उजागर करता है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो यह शासन और प्रशासन की साख पर बड़ा सवाल खड़ा करेगा। वहीं, अगर ये आरोप झूठे हैं तो उन्हें फैलाने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। अब देखना यह है कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है और सच्चाई कितनी जल्दी सामने आती है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments

You cannot copy content of this page