मंदसौर। मंदसौर सहित प्रदेश मे पांचवी-आठवीं की परीक्षा में शामिल हुए लाखोंछात्र-छात्राओं को ढाई महीने से भी ज्यादा समय गुजर जाने के बाद भी उनकी मार्कशीट नहीं मिली है। इस बार बोर्ड पैटर्न पर इन दोनों कक्षाओं की परीक्षा राज्य शिक्षा केंद्र ने आयोजित की थी। इनका परीक्षा परिणाम भी जून में घोषित कर दिया गया था।दरअसल, राज्य शिक्षा केंद्र ने पिछले अनुभव से सबक लेते हुए इस बार नंबर चडाने प्रिंटेड मार्कशीट स्कूलों में पहुंचाने का निर्णय लिया। पिछली बार मार्कशीट का फॉर्मेट भेजा गया था। इसमें स्कूलों को विद्यार्थियों के नंबर चडाने थे। मार्कशीट पर नंबर चडाने में स्कूलों में काफी गलती की थी। घोषित किए गए ऑनलाइन रिजल्ट और मार्कशीट में नंबरों में अंतर होने पर काफी हंगामा हुआ था। इसे सुधारने में ही काफी समय लग गया था। इधर, स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का दावा है कि राज्य शिक्षा केंद्र इस महीने के अंत तक मार्कशीट स्कूलों को भेज दी जाएगी। स्कूल संबंधित विद्यार्थियों को उनकी मार्कशीट दे देंगे। इसमें स्कूल की सील लगी रहेगी।
अभिभावक काट रहे स्कूलों के चक्कर
अभिभावकों के मुताबिक पांचवीं-आठवीं की मार्कशीट की जरूरत ला?ली लक्ष्मी योजना के लिए प?ती है। इसमें प्रमाण के तौर पर मार्कशीट का उपयोग किया जाता है कि छात्रा छठवीं कक्षा में प्रवेश कर चुकी है। यही नहीं, नवोदय विद्यालय में प्रवेश व साइंस ओलंपियाड सहित अन्य प्रतियोगिताओं आदि में भी पांचवीं-आठवीं की मार्कशीट का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा किसी अन्य स्कूल में प्रवेश के लिए भी मार्कशीट की जरूरत प?ती है। अब अभिभावक स्कूलों में मार्कशीट के लिए चक्कर काट रहे हैं। वर्तमान में केवल स्टेटमेंट ऑफ मार्क्स ऑनलाइन उपलब्ध हैं। इधर, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि विद्यार्थियों को अब तक मार्कशीट नहीं मिली है।
स्कॉलरशिप और छात्रों को स्कूल बदलने में आती है समस्या
विभिन्न तरह की स्कॉलरशिप का लाभ लेने के लिए मार्कशीट की जरूरत होती है। सबसे ज्यादा समस्या तब होती है, जब स्टूडेंट स्कूल बदलता है। यह सवाल भी उठाए जा रहे हैं कि जब बोर्ड पैटर्न पर परीक्षा हुई थी तो मार्कशीट देने में इतनी देर क्यों हो रही है।
इनका कहना
इस महीने के अंत तक भेज देंगे
राज्य शिक्षा केंद्र इस महीने के अंत तक सभी स्कूलों में मार्कशीट भेज देगा। पिछली बार फॉर्मेट भेजा गया था, जिसमें कई स्कूलों ने गलत नंबर चडाने दिए थे। अब ऐसा न हो इसलिए व्यवस्था बदली है।
आर.उमा माहेश्वरी, अपर मिशन संचालक , राज्य शिक्षा केंद्र