वेलडन पुलिस!
कब दिन निकला, कब खाना खाया..पता नहीं!
शहरवासियों को सुलाने के लिए पलक नहीं झपकी पुलिस वालों ने
मंदसौर। वैसे तो पुलिस आरोप प्रत्यारोप और सवालों के घेरे मे रहती है। लेकिन खाकी की अहमियत का पता सोमवार को लगा। सुबह कई पुलिस वालों की ड्यूटी खत्म हो गई थी। त्योहारों के चलते बीस घंटे की ड्यूटी के बाद कुछ पुलिस वाले रात को गश्त खत्म कर ईद मिलादुन्नबी के जलसे में सुरक्षा की दृष्टि से तैनात रहे। उम्मीद थी कि जलसा खत्म होने के बाद कुछ घर जाकर थोड़ा आराम कर लेंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। धार्मिक स्थल पर पथराव के बाद मंदसौर के बिगड़े माहौल को पटरी पर लाने के लिए फिर रातभर रातजगा करने वाले पुलिसकर्मी फिर से अपनी ड्यूटी पर लग गए। भीड़ को तितर बिततर करना, बेरिकेड्स लगाकर व्यवस्था जमाना, महाआरती में व्यवस्था बनाए रखना और उसके बाद रातभर शहर की स्थिति पर नजर बनाए रखना…यह आसान नहीं था। दिनभर खाना कब खाया यह पता नहीं था। अंधेरा हुआ तो पता चला कि रात हो गई है। आंखों में नींद जरुर थी, लेकिन शहर के लोगों को चैन की नींद सुलाने के लिए खाकी ने रातभर पलक नहीं झपकी।

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