
मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। 10 मार्च से शुरू हुए विधानसभा के बजट सत्र से पहले कांग्रेस ने प्रदर्शन किया, लेकिन इस दौरान बड़ा हादसा हो गया। रंगमहल चौराहे पर आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस नेताओं का मंच अचानक गिर गया, जिससे कुछ नेताओं को चोटें भी आईं।
विधानसभा सत्र से पहले कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन
भोपाल के रंगमहल चौराहे पर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता जमा हुए। वे सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए सत्र की अवधि बढ़ाने और किसानों की मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे थे।
इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तनातनी बढ़ गई। प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई।
क्या हैं कांग्रेस की मुख्य मांगें?
कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी का कहना है कि सरकार किसानों, युवाओं और महिलाओं से किए गए वादों को पूरा नहीं कर रही है। उनकी मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
- धान और गेहूं के उचित दाम: कांग्रेस ने सरकार से मांग की है कि धान का समर्थन मूल्य ₹3100 और गेहूं का समर्थन मूल्य ₹2700 प्रति क्विंटल किया जाए।
- सोयाबीन का एमएसपी: किसानों को ₹6000 प्रति क्विंटल देने की मांग की जा रही है।
- विधानसभा सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग: कांग्रेस का कहना है कि महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए सत्र की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए।
विरोध प्रदर्शन में आई बड़ी चूक!
विधानसभा के बाहर कांग्रेस नेता काले नकाब पहनकर विरोध जताने पहुंचे, लेकिन इस प्रदर्शन में एक दिलचस्प घटना भी देखने को मिली। कांग्रेस नेताओं के हाथ में जो तख्तियां थीं, उन पर “सत्र की अवधि बढ़ाई जाए” का संदेश गलत लिखा गया था। यह टाइपो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और भाजपा ने इसे कांग्रेस की लापरवाही करार दिया।
क्या आगे बढ़ेगा विरोध प्रदर्शन?
कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि अगर सरकार किसानों की मांगों को पूरा नहीं करती है, तो हर मंडी में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। पार्टी का कहना है कि उन्होंने राज्यपाल को पत्र लिखकर अपनी मांगें रखी थीं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
अब देखना यह होगा कि भाजपा सरकार इन मांगों पर क्या रुख अपनाती है और क्या वाकई विधानसभा सत्र की अवधि बढ़ाई जाएगी? इस पूरे घटनाक्रम की हर अपडेट के लिए जुड़े रहें!