Thursday, November 21, 2024
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Madhya Pradesh has more then 500 jan aoshadi kendras now जनऔषधि केंद्रो की हुई शुरुआत

जिला अस्पताल में मिलेगी सस्ती दवाईयां
जनऔषधि केंद्रो की हुई शुरुआत
भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंदसौर सहित प्रदेश के 50 जिला अस्पतालों में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों का उद्घाटन किया। इनका संचालन रेडक्रॉस के जरिए किया जाएगा। कार्यक्रम भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जा रहा है। इसके अलावा, 51 हजार प्रधानमंत्री आवासों का गृह प्रवेश भी किया गया। कार्यक्रम में भोपाल को स्वच्छता सर्वेक्षण में 5 स्टार रेटिंग मिलने पर नगर निगम के 8,117 सफाई मित्रों को 5-5 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई। राज्यपाल मंगू भाई पटेल और सीएम ने सिंगल क्लिक से राशि खातों में ट्रांसफर की।
2008 में हुई थी जन औषधि केन्द्रों की शुरुआत
सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र परियोजना की शुरुआत 2008 में की गई थी। साल 2015 के बाद से योजना में और तेजी आई। वर्तमान में योजना के तहत देश में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं।
मप्र में 500 जन औषधि केन्द्र संचालित
वर्तमान में मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में 500 से अधिक जन औषधि केंद्र संचालित हैं। ये केंद्र शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में स्थापित किए गए हैं। इनके माध्यम से प्रतिदिन हजारों लोग सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां खरीद रहे हैं। उनके मासिक चिकित्सा खर्चो में बचत हो रही है। अब सभी जिला अस्पतालों में भी प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के फायदे
-सस्ती दरों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां मिलेंगी। मरीजों को ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50प्रश से 90प्रश तक कम दाम पर दवाइयां उपलब्ध होंगी।
-आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगी।
-सस्ती और सुलभ दवाओं के माध्यम से लोग इलाज को जारी रख सकेंगे। विशेष रूप से शुगर, ब्लड प्रेशर,और हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों के प्रबंधन में यह केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
-प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के माध्यम से जेनेरिक दवाओं की गुणवत्ता और प्रभावशीलता को लेकर जागरूकता बढ़ेगी, जिससे लोग ब्रांडेड दवाओं पर निर्भरता कम करेंगे और सस्ती जेनेरिक दवाओं को अपनाएंगे।
-स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। प्रत्येक केंद्र के चालन के लिए फार्मासिस्ट और अन्य कर्मचारी आवश्यक होंगे, जिससे राज्य में नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

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