
मध्य प्रदेश को जल्द ही एक और शानदार परियोजना का लाभ मिलने जा रहा है। क्रूज प्रोजेक्ट (Cruise Project) को लेकर 100 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है, जिसका प्रस्ताव ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit) में आया है। यह क्रूज धार जिले के कुक्षी से गुजरात के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक चलेगा, जिसकी लंबाई 135 किलोमीटर होगी। इससे पर्यटन (Tourism) और जल खेलों (Water Sports) के क्षेत्र में नया आयाम जुड़ेगा। हालांकि, क्रूज का पर्यावरणीय प्रभाव (Environmental Impact of Cruise) भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
क्रूज से पर्यावरण को खतरा?
क्रूज प्रोजेक्ट में सोलर और इलेक्ट्रिक तकनीक के इस्तेमाल की बात की जा रही है, क्योंकि डीजल इंजन क्रूज और मोटर बोट्स पर एनजीटी (NGT) द्वारा कई जल स्रोतों में प्रतिबंध लगाया गया है। यह एक सकारात्मक पहल है, लेकिन दुनिया भर के अध्ययनों के अनुसार, क्रूज से जल प्रदूषण (Water Pollution), वायु प्रदूषण (Air Pollution) और जलीय जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए, इस प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले पर्यावरणीय प्रभावों पर गहन अध्ययन करना जरूरी है।
पर्यटन और निवेश को मिलेगा बढ़ावा
इसके अलावा, वाटर एक्टिविटी (Water Activities) पर भी 70 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। क्रूज के साथ हाउस बोट्स (House Boats) चलाने का भी प्रस्ताव है, जिससे मध्य प्रदेश में जल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। अयोध्या क्रूज लाइन्स (Ayodhya Cruise Lines) ने यह प्रस्ताव दिया है, जो पहले से ही सरयू नदी और गंगा नदी पर क्रूज सेवाएं चला रही है।
क्रूज प्रोजेक्ट के संभावित 6 रूट
इस प्रोजेक्ट में 6 संभावित रूट शामिल हैं, जिनमें से किसी एक रूट पर क्रूज चलाने की योजना बनाई गई है। ये रूट्स हैं:
- धार जिले के कुक्षी से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (135 किलोमीटर)
- सेलानी से धारा (30 किलोमीटर)
- राजघाट बेतवा से देओगढ़ (35 किलोमीटर)
- गांधीसागर से संजीत (83 किलोमीटर)
- बरगी से टिंडनी (65 किलोमीटर)
- तवा से मढ़ई (31 किलोमीटर)
इनमें से किसी एक रूट पर 100 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, यह देखना होगा कि पर्यावरण सुरक्षा उपायों को कितनी प्राथमिकता दी जाती है।
सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक से होगा संचालन
एनजीटी (National Green Tribunal) ने बीते सालों में कई जल स्रोतों में डीजल इंजन वाली मोटर बोट्स और क्रूज पर प्रतिबंध लगाया था, खासकर भोपाल के बड़ा तालाब जैसे जलाशयों में। एनजीटी का कहना था कि डीजल इंजन से जल स्रोत प्रदूषित होते हैं, जिससे सिंचाई और पीने के पानी की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। इसलिए, इलेक्ट्रिक और सोलर क्रूज (Electric & Solar Cruise) को प्राथमिकता दी जा रही है।
क्या क्रूज प्रोजेक्ट पर्यावरण और पर्यटन में संतुलन बना पाएगा?
मध्य प्रदेश में क्रूज पर्यटन के आने से आर्थिक और पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन पर्यावरण संरक्षण भी एक महत्वपूर्ण विषय है। यदि इको-फ्रेंडली (Eco-Friendly) तकनीकों का सही से इस्तेमाल नहीं हुआ तो यह जलवायु परिवर्तन (Climate Change) और जैव विविधता (Biodiversity) पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
मध्य प्रदेश में इस परियोजना का भविष्य क्या होगा? क्या यह पर्यटन को बढ़ावा देगा या पर्यावरण पर खतरा बनेगा? यह तो आने वाला समय ही बताएगा।