Sunday, January 12, 2025
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High court said what in UC dump at pithampur: जबलपुर उच्च न्यायालय में 337 मीट्रिक टन कचरे के निस्तारण की योजना को हरी झंडी दे दी

मध्य प्रदेश में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निस्तारण पर आज एक बड़ा फैसला सामने आया है। जबलपुर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश पीठ ने सोमवार को पीथमपुर में 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे के निस्तारण की योजना को हरी झंडी दे दी है। न्यायालय ने मध्य प्रदेश सरकार को जन-जागरूकता कार्यक्रमों के लिए 6 सप्ताह का समय दिया है, जिसके बाद अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी।

राज्य के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने न्यायालय में तीन महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। उन्होंने भ्रामक समाचारों पर रोक लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया, क्योंकि इससे जनता में भय और भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। साथ ही, उन्होंने जनता का विश्वास जीतने के लिए समय की मांग की और पीथमपुर में पहुंचे 12 कंटेनरों की सुरक्षित अनलोडिंग की अनुमति चाही।

इस बीच, एमजीएम मेडिकल कॉलेज, इंदौर के चिकित्सकों ने एक महत्वपूर्ण याचिका दायर की। उन्होंने 337 मीट्रिक टन कचरे के निस्तारण से जुड़ी गंभीर चिंताएं व्यक्त कीं, यह बताते हुए कि 10 मीट्रिक टन के ट्रायल से यह स्थिति बिल्कुल अलग है। उच्च न्यायालय ने सरकार को इन चिंताओं पर गंभीरता से विचार करने का निर्देश दिया है।

न्यायालय ने मीडिया को भ्रामक समाचारों से बचने के कड़े निर्देश दिए हैं और अधिकारियों को भय और भ्रम फैलाने वाली खबरों पर तत्काल कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही, न्यायालय ने 3 दिसंबर के मूल आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है, जिसमें कचरे की अनलोडिंग और निस्तारण की पूरी प्रक्रिया शामिल है।

यह मामला स्थानीय निवासियों, पर्यावरण कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए विशेष चिंता का विषय बना हुआ है। सभी की नजरें अब इस जहरीले कचरे के सुरक्षित निस्तारण की प्रक्रिया पर टिकी हुई हैं, जिसका प्रभाव क्षेत्र के पर्यावरण और जन-स्वास्थ्य पर पड़ सकता है।

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