Wednesday, April 23, 2025
HomeसियासतGrok का खुलासा: मध्यप्रदेश में डकैतों का इतिहास और सियासी जंग!: BJP...

Grok का खुलासा: मध्यप्रदेश में डकैतों का इतिहास और सियासी जंग!: BJP CONGRESS DRAMA ON GROK IN MP

AI चैटबॉट Grok ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए मध्यप्रदेश में डकैतों (Dacoits in Madhya Pradesh) की स्थिति को उजागर किया है। इस खुलासे के बाद BJP और कांग्रेस के बीच सियासी तकरार तेज हो गई है। Grok के मुताबिक, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के कार्यकाल (1993-2003) के दौरान प्रदेश में 9 कुख्यात डकैत गिरोह (Notorious Dacoit Gangs) सक्रिय थे।


BJP ने Congress पर कसा तंज

BJP प्रवक्ता हितेष बाजपेयी (Hitesh Bajpai) ने इस खुलासे पर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने Grok से सवाल किया, “दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्री रहते प्रदेश में कितने डकैत सक्रिय थे और आज कितने हैं?”

Grok ने जवाब दिया कि 1999 में 9 डकैत गिरोह सक्रिय थे, जबकि 2000 में 101 डकैत पकड़े गए और 23 मारे गए। 2023 में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) के शासनकाल में मार्च 2025 तक डकैती की घटनाओं में गिरावट आई है, लेकिन सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।


BJP ने कांग्रेस को घेरा

BJP प्रवक्ता हितेष बाजपेयी ने कहा कि Grok ने स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस सरकार के दौरान अपराधियों को खुला संरक्षण मिला था। उन्होंने दावा किया कि “दिग्विजय सिंह की सरकार के दौरान 100 से ज्यादा डकैत मध्यप्रदेश में सक्रिय थे, लेकिन वर्तमान सरकार ने अपराधियों का पूरी तरह सफाया कर दिया है।”

उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस का विपक्ष में रहकर कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाना दिखावटी है। सच तो यह है कि प्रदेश में अब डकैत नाम की कोई समस्या नहीं बची है।”


Congress का BJP को जवाब

BJP के आरोपों पर कांग्रेस ने पलटवार किया। कांग्रेस नेता शैलेंद्र पटेल (Shailendra Patel) ने कहा, “यह सच है कि दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में डकैत थे, लेकिन यह भी सच है कि उनकी सरकार ने ही डकैतों का सफाया किया। अगर डकैत थे, तो पकड़े भी गए और मारे भी गए।” उन्होंने कहा कि BJP सिर्फ राजनीतिक फायदा उठाने के लिए इस मुद्दे को उछाल रही है।


Grok के आंकड़ों की सच्चाई?

Grok के अनुसार, वर्तमान सरकार के दौरान डकैती की घटनाओं में गिरावट आई है, लेकिन इसके सटीक आंकड़े (Exact Crime Data) उपलब्ध नहीं हैं। पुलिस रिकॉर्ड (Police Records) और सरकारी रिपोर्ट्स की तुलना करने के बाद ही इस दावे की पुष्टि हो सकती है।

बता दें कि हाल ही में कांग्रेस ने भी नेहरू और गांधी (Nehru and Gandhi) को लेकर Grok से सवाल किया था, जिससे एक नई बहस छिड़ गई थी।


राजनीति और AI का खेल!

AI आधारित Grok के खुलासे (AI Chatbot Revelation) अब सियासत (Politics) में भी हलचल मचाने लगे हैं। क्या यह सिर्फ एक डेटा-आधारित विश्लेषण है या इसका राजनीतिक फायदा उठाया जा रहा है? यह देखने वाली बात होगी कि आगे AI और राजनीति का रिश्ता (AI in Politics) किस दिशा में जाता है।


Grok के जवाब ने BJP और कांग्रेस के बीच नए विवाद को जन्म दे दिया है। एक ओर BJP इसे अपनी उपलब्धि बता रही है, तो दूसरी ओर कांग्रेस अपने फैसलों को सही ठहरा रही है। सवाल यह उठता है कि क्या AI आधारित विश्लेषणों से भविष्य में राजनीति की दिशा बदलेगी?

आपकी राय?

क्या Grok जैसे AI Chatbots राजनीतिक बहस का हिस्सा बनने चाहिए? क्या AI से मिली जानकारी को सत्य (Truth) माना जा सकता है? हमें कमेंट में बताएं!

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments

You cannot copy content of this page