हर साल उधड़ रही सडक़ों की गुणवत्ता ठीक करने, अच्छे निर्माण के लिए अब ठेकेदारों को नए मापदंडों के अनुसार काम करना होगा। टेंडर लेते समय अब शर्त होगी कि वे लागत के 20प्रश से कम दर पर काम नहीं ले पाएंगे। यदि टेंडर ले भी लेते हैं तो उन्हें मंत्री-अफसरों की विशेष जांच से गुजरना होगा। यही नहीं, 20प्रश से जितना नीचे का टेंडर भरा जाएगा, उसका दोगुना अतिरिक्त परर्फोमेंस गारंटी वसूली जाएगी। टेंडर की मियाद पूरी होने के बाद यदि ठेकेदार ने और वक्त मांगा तो एक-एक माह का पैसा चुकाना पड़ेगा। नए मापदंड लागू कर दिए गए हैं। बारिश थमने के बाद जैसे ही सडक़ों, नालियों, नाले या पुल के साथ अन्य निर्माण कार्यों के टेंडर होंगे, उनमें ये शर्तें लागू रहेंगी। नगरीय विकास विभाग और पीडब्ल्यूडी ने अपने एसओआर (निर्माण में लगने वाली सामग्री के रेट) अपडेट कर दिए हैं। नगरीय विकास विभाग ने नगरीय निकायों और नगर निगमको पत्र भेजकर कहा है कि वे नए मापदंडों के मुताबिक ही काम करेंगे। पीडब्ल्यूडी भी इसकी तैयारी कर चुका है। शासन ने निर्माण से जुड़े दूसरे विभागों को भी नए मापदंड भेजे हैं।
फैसला क्यों करना पड़ा
ग्वालियर नगर निगम में एक सडक़ के काम का टेंडर 48प्रश कम दर पर उठा। उदाहरण के लिए 100 करोड़ की लागत वाले काम को हासिल करने के लिए टेंडर में ठेकेदार ने 52 करोड़ में इस काम को करने का रेट भरा। यह उसे मिल भी गया। शासन स्तर से पूछताछ हुई कि इतनी कम राशि में काम कैसे करोगे? ठेकेदार ने कहा- नए लोगों की एंट्री रोकने के लिए इतने कम रेट भरे। भिंड और मुरैना में भी 40प्रश तक कम रेट में टेंडर उठाने की रिपोर्ट मिली। इसलिए नए मापदंडों की कवायद शुरू की गई।
ये 4 बड़े बदलाव… बैंक गारंटी की जगह एफडी
-कम दर देकर टेंडर हासिल किया और बाद में पीछे हटे तो सिक्योरिटी जब्त होगी। दो साल के लिए ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।
-बैंक गारंटी की जगह भी एफडी ली जाएगी। प्रभारी मंत्री व नगर निगम आयुक्त के ऊपर काम की निगरानी रखने का जिम्मा होगा।
-20 प्रश से जितना नीचे का टेंडर भरा, उसका दोगुना अतिरिक्त परर्फोमेंस गारंटी वसूली जाएगी।
-मियाद खत्म होने के बाद यदि अतिरिक्त समय मांगा तो अगले हर माह लागत का 1/12 हिस्सा ठेकेदार की जेब से काटा जाएगा। यह टेंडर में पैनल्टी की शर्त से अलग होगा।
इनका कहना
20 प्रशसे कम में टेंडर उठता है तो साफ है कि काम की गुणवत्ता खराब होगी। निर्माण सब स्टैंडर्ड होगा। कई जगहों पर 40त्न या उससे कम रेट डाले गए हैं। इसीलिए टेंडर में अव्यवहारिक दर डालने वालों को हतोत्साहित करने वाले नए मापदंड ला रहे हैं। – कैलाश विजयवर्गीय, मंत्री, नगरीय विकास