मंदसौर। संसदीय क्षेत्र से तीन मुख्यमंत्री बने..दस विधायक बने और वर्तमान में तीन मंत्री संसदीय क्षेत्र में है। विकास की रफ्तार की बात करें तो अब जाकर विश्वप्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर के विकास की योजना तैयार हुई तो गांधी सागर जैसा पर्यटन स्थल उच्च स्तर के विकास की दरकार का इंतजार कर रहा है। इसके अलावा भानपुरा सहित जिले के कई प्राचीन स्थलों पर तो कार्य योजना तैयार करने की बात तक नहीं कहीं गई। यह थी विकास की बात और अब बात करें अफसरशाही पर कमान की तो मंदसौर-नीमच जिले में कई विभाग आए दिन भ्रष्टाचार और आरोपों के घेरे में रहते हैं।

जहरीली शराब कांड हो या राजीव गांधी महाविद्यालय में घोटाला या उद्यानिकी विभाग में करोड़ों का खेल या एनडीपीएस एक्ट में आरोपों में रहने वाली पुलिस। हमेशा मंत्रियों से सजा हुआ संसदीय क्षेत्र का मंदसौर-नीमच जिला भोपाल ही नहीं, देश में भी सुर्खियों में रहा।
अभी भी है तीन मंत्री
प्रदेश में भाजपा की सरकार के समय जगदीश देवड़ा, हरदीपसिंह डंग, ओमप्रकाश सखलेचा वर्तमान में भी कैबिनेट मंत्री है पूर्व में देवड़ा के अलावा कैलाश चावला अलग-अलग विभागों के कैबिनेट मंत्री रहे। वहीं कांग्रेस की सरकार में भारतसिंह, महेंद्रसिंह कालूखेड़ा, सुभाष सोजतिया, नरेंद्र नाहटा, धनश्याम पाटीदार, श्यामसुंदर पाटीदार भी कैबिनेट मंत्री रहे। सरकारों में क्षेत्र के नेताओं को प्रतिनिधित्व मिला है और कद्दावर नेताओं के कारण दोनों दलों का मंदसौर क्षेत्र पर फोकस हमेशा रहा है। यहां स्टार प्रचारकों की सभाएं होती रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page