
ग्रामीण क्षेत्रों में इनामी योजना की आड़ में फर्जीवाड़ा | एजेंट, ग्राहक और प्रशासन सब सवालों के घेरे में
कहां और कैसे हुआ घोटाला?
मंदसौर (पिपलियामंडी) – EPRA INDIA नामक एक कथित प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने 2 जुलाई 2025 को “Lucky Draw” और “Security Awareness Seminar” के नाम पर भव्य आयोजन का प्रचार किया।
इस प्रचार के ज़रिए ग्रामीणों से ₹300 प्रति व्यक्ति की रसीद लेकर इनाम में “थार”, “स्कॉर्पियो” और ₹11 लाख नकद देने का दावा किया गया।
लेकिन निर्धारित तारीख पर कोई कार्यक्रम नहीं हुआ। उल्टा, 6 जुलाई को पिपलियामंडी स्थित कंपनी का कार्यालय बंद मिला और पूरा स्टाफ लापता हो गया।
FIR दर्ज: किन धाराओं में मामला?
पिपलियामंडी थाने में दर्ज FIR क्रमांक 0217/2025 के अनुसार, EPRA INDIA के खिलाफ निम्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है:
- IPC 420 – धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति प्राप्त करना
- IPC 406 – आपराधिक न्यासभंग
- IPC 297 – असामाजिक गतिविधियों से लाभ प्राप्त करना
- लॉटरी निषेध अधिनियम 7(1) – बिना अनुमति इनामी योजना संचालित करना
स्थान: एक्सिस बैंक के सामने, गुढ़ी रोड, पिपलियामंडी (अब संदेहास्पद)
शिकायतकर्ता: दर्जनों ग्रामीण जिन्होंने भुगतान किया था
EPRA INDIA की वैधता पर सवाल
जांच में कंपनी की वैधता पर गंभीर सवाल उठे:
- MCA पोर्टल (www.mca.gov.in) पर कंपनी का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं मिला
- GST पोर्टल (www.gst.gov.in) पर GSTIN भी वैध नहीं मिला
- कंपनी की वेबसाइट, रसीदें और प्रचार सामग्री केवल मार्केटिंग तक सीमित थीं, जिनका कोई कानूनी आधार नहीं था
एजेंट भी झांसे में, अब साख पर संकट
कंपनी से जुड़े दर्जनों लोकल एजेंट, जो ₹100 प्रति व्यक्ति कमीशन पर काम कर रहे थे, अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने अपने निजी संपर्कों से ग्रामीणों को जोड़ा था — अब उन्हें जवाब देना पड़ रहा है।
- क्या एजेंटों को कमीशन मिलेगा?
- क्या उन्हें ग्राहकों के पैसे लौटाने की जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी?
यह स्थिति कहावत “नाचे कूदे बंदर, खीर खा गया फकीर” को साकार करती है।
सोशल मीडिया पर बचाव, लेकिन सवाल बरकरार
कंपनी ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि:
- आयोजन से पहले भजन संध्या में भगदड़ की धमकी मिली थी
- 2 जुलाई से पहले ही कार्यक्रम रद्द कर दिया गया
- 20 जुलाई से रिफंड प्रक्रिया शुरू की जाएगी
लेकिन अब तक:
- कोई रिफंड प्रूफ सामने नहीं आया है
- न ही धमकी देने वालों की कोई पुलिस शिकायत दर्ज कराई गई है
- न ही आयोजन निरस्तीकरण का कोई वैध प्रमाण सामने आया है
प्रशासन की भूमिका: FIR के बाद अगला कदम?
SDOP नरेंद्र सोलंकी ने बताया कि मामला पिपलियामंडी थाने को सौंपा गया है।
पुलिस द्वारा कंपनी के संचालकों की तलाश और कानूनी कार्यवाही जारी है।
ग्राहकों के लिए जरूरी चेतावनी
- किसी भी योजना में पैसे लगाने से पहले उसकी वैधता जांचें
- www.mca.gov.in पर कंपनी रजिस्ट्रेशन चेक करें
- www.gst.gov.in पर GSTIN सत्यापित करें
- रसीदें, अनुमति पत्र और वैध दस्तावेज मांगना आपका अधिकार है
- सिर्फ कमीशन के लालच में किसी भी योजना से न जुड़ें
- वैधानिक जांच करें, तभी किसी स्कीम को प्रमोट करें
- जनता को जोड़ना जिम्मेदारी है — धोखा नहीं
यह मामला सिर्फ एक कंपनी की ठगी नहीं है — यह जनता के विश्वास पर सीधा हमला है।
ऐसी योजनाओं से सतर्क रहें, सोच-समझकर निवेश करें, और प्रशासन से अपील करें कि दोषियों को कड़ी सजा मिले और जनता का पैसा सुरक्षित रहे।