मध्य प्रदेश में विकास के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाले: 12 फीट का नाला 2 फीट की नाली में समाने की हैरतअंगेज योजना

मल्हारगढ़ (मध्य प्रदेश): प्रदेश में विकास के नाम पर आम जनता के साथ किए जा रहे खिलवाड़ का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। मल्हारगढ़ नगरपालिका द्वारा करोड़ों रुपये की लागत से बनाए गए नाले का डिजाइन देखकर शायद इंजीनियरिंग जगत हैरान है। 12 फीट चौड़े नाले को 2 फीट की नाली में समाने की योजना ने प्रदेश भर में प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

विशेष जांच रिपोर्ट:

“यह सिर्फ एक नाले का मामला नहीं है, यह पूरे प्रदेश में चल रहे विकास के नाम पर भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण है,” कहते हैं स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ज्ञानेश प्रजापति, जिन्होंने जन सुनवाई में लोटन यात्रा के जरिए इस मामले को कलेक्टर के सामने उठाया।

बाढ़ का खतरा:

दूसरा विवाद:
वार्ड 6 में बिना जरूरत के 50 फीट का नया नाला बनाया जा रहा है, जहां पहले से ही प्राकृतिक जल निकासी मौजूद है।

जनता की आवाज:
“हमारे टैक्स के पैसे से ऐसी योजनाएं बनाई जा रही हैं जो हमारे लिए ही खतरा बन सकती हैं,” – रमेश कुमार, स्थानीय निवासी

प्रशासनिक जवाबदेही:

प्रदेश स्तर पर प्रभाव:

यह मामला दर्शाता है कि कैसे प्रदेश में विकास के नाम पर जनता के साथ धोखा किया जा रहा है। स्थानीय निकायों में व्याप्त भ्रष्टाचार और लापरवाही से न केवल सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है, बल्कि आम जनता की सुरक्षा भी दांव पर लगी है। इस मामले ने प्रदेश भर में नगरपालिकाओं की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

लोटन यात्रा का रिजल्ट !
उल्लेखनीय है जन सुनवाई में यह मामला पहुंचा था, उसके बाद जांच जांच की नाटकबाजी शुरू हुई जिसका रिजल्ट फिलहाल तो जीरो निकल कर सामने आ रहा है, फिलहाल की जांच या कार्यवाही जन सुनवाई पर भी सवालिया निशान लगा रही है, इससे जन सुनवाई में हो रही लोटन यात्रा का सच भी समझा जा सकता है?

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