“समाज सेवा केवल दान नहीं, एक जिम्मेदारी है।” इसी सोच को साकार करते हुए, दुबई के उद्योगपति नरेश भवनानी, जिनकी मंदसौर से जड़ें जुड़ी हैं, ने अपने गृह नगर के लिए एक निशुल्क शव वाहन दान किया। मंदसौर में इस सेवा की लंबे समय से आवश्यकता थी, और भवनानी के इस सराहनीय कदम से अब शोक संतप्त परिवारों को अंतिम यात्रा में किसी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।

इस विशेष अवसर पर भवनानी के पुत्र करण भवनानी भी दुबई से मंदसौर पहुंचे और इस नेक पहल में शामिल हुए। करण भवनानी भी अपने पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए समाज सेवा के प्रति समर्पित हैं और हमेशा लोगों की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं। वे भी विभिन्न सामाजिक कार्यों में रुचि रखते हैं और भविष्य में समाज कल्याण से जुड़े नए प्रोजेक्ट्स पर कार्य करने का संकल्प लेते हैं।

कार्यक्रम में शहर की कई प्रतिष्ठित हस्तियां भी उपस्थित रहीं। विधायक विपिन जैन ने इस पहल को एक “अनूठी समाज सेवा” बताते हुए कहा कि यह कदम पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणादायक है। वहीं, सांसद सुधीर गुप्ता ने भी इस कार्य की प्रशंसा करते हुए भवनानी परिवार को बधाई दी और इसे “निस्वार्थ सेवा की मिसाल” बताया।
ब्रज लाल नैनवानी संभालेंगे शव वाहन की जिम्मेदारी
नरेश भवनानी के करीबी मित्र ब्रज लाल नैनवानी ने इस सेवा की देखरेख का बीड़ा उठाया है, जिससे यह शव वाहन जरूरतमंदों तक समय पर पहुंचे। नैनवानी समाज सेवा में सक्रिय रहते हैं और सिंधी समाज कल्याण के लिए भी समर्पित रूप से कार्य कर रहे हैं।

समाज सेवा में एक नई मिसाल
नरेश भवनानी का यह योगदान सिर्फ एक शव वाहन तक सीमित नहीं, बल्कि समाज के प्रति उनकी गहरी निष्ठा और जिम्मेदारी को दर्शाता है। उनके इस कदम से न केवल मंदसौर बल्कि पूरे क्षेत्र में समाज सेवा की एक नई प्रेरणा मिली है।
भविष्य में और भी सामाजिक कार्य करेंगे भवनानी
कार्यक्रम के दौरान नरेश भवनानी ने इस बात का भी संकेत दिया कि यह तो सिर्फ एक शुरुआत है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में वह मंदसौर और अन्य जरूरतमंद क्षेत्रों में और भी सामाजिक व कल्याणकारी कार्य करेंगे। उनका उद्देश्य समाज के वंचित वर्गों को सहयोग प्रदान करना और अपने गृह नगर की उन्नति में योगदान देना है।
स्थानीय लोगों ने किया इस पहल का स्वागत
शहर के लोगों ने भी नरेश भवनानी और उनके परिवार की इस समाजसेवी सोच का तहेदिल से स्वागत किया। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह पहल उन परिवारों के लिए वरदान साबित होगी, जिन्हें अंतिम संस्कार के लिए वाहन की आवश्यकता होती है। लोगों ने भवनानी और उनके परिवार को धन्यवाद दिया और इस कार्य को “सच्ची मानवता की मिसाल” बताया।
समाज के लिए प्रेरणादायक उदाहरण
नरेश भवनानी और – करण भवनानी की यह पहल एक बार फिर यह साबित करती है कि अगर प्रवासी भारतीय अपने जन्मस्थान के प्रति प्रेम और निष्ठा रखें, तो समाज की कई समस्याओं का समाधान हो सकता है। उनकी इस सोच से अन्य सक्षम व्यक्तियों को भी समाज कल्याण की दिशा में कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी।