मंदसौर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुली

Piplia Mandi, Mandsaur: मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की लचर व्यवस्था एक बार फिर सामने आई जब 108 एंबुलेंस (Ambulance) के इंतजार में गर्भवती महिला को 1 घंटे तक तड़पना पड़ा। आखिरकार, परिवार को निजी वाहन (Private Vehicle) से महिला को अस्पताल ले जाना पड़ा।
108 एंबुलेंस सेवा फेल, महिला को निजी वाहन से पहुंचाया अस्पताल
ग्राम ढाणी (बिल्लोद) निवासी फोरियाबाई पति प्रहलाद रेबारी को जब प्रसव पीड़ा (Labour Pain) शुरू हुई, तो उनके भाई आत्माराम ने तुरंत 108 एंबुलेंस सेवा पर कॉल किया। लेकिन एक घंटे तक एंबुलेंस नहीं आई।
स्थानीय लोगों ने उठाए सवाल
सामाजिक कार्यकर्ता हीरालाल रेबारी ने बताया कि महिला दर्द से तड़पती रही, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की Emergency Services फेल रहीं। जब घंटों इंतजार के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई, तो परिवार ने उसे Private Vehicle से अस्पताल पहुंचाया।
Deputy CM के क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बेहाल
यह घटना Malhargarh Vidhansabha क्षेत्र की है, जो Deputy CM Jagdish Devda का निर्वाचन क्षेत्र भी है। लेकिन इसके बावजूद, Emergency Health Services पूरी तरह ध्वस्त (Collapsed) नजर आईं। जनप्रतिनिधि बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन आम जनता को समय पर एंबुलेंस तक नहीं मिलती।
जब 30 मिनट में पिज्जा और 5 मिनट में ग्रॉसरी मिल सकती है, तो ज़रूरी सेवाओं में देरी क्यों?
आज की डिजिटल दुनिया (Digital World) में जहां पिज़्ज़ा 30 मिनट में और ग्रॉसरी 5 मिनट में घर पहुंच जाती है, वहीं एम्बुलेंस जैसी जरूरी सेवाओं (Essential Services) में देरी होना गंभीर चिंता का विषय है। अगर निजी कंपनियां फास्ट डिलीवरी सिस्टम विकसित कर सकती हैं, तो सरकारें Emergency Services को इतना तेज और कुशल क्यों नहीं बना पा रही हैं? क्यों एक गर्भवती महिला को 1 घंटे तक इंतजार करना पड़ता है? यह सवाल सिर्फ एक महिला का नहीं, बल्कि पूरे स्वास्थ्य तंत्र की नाकामी को दर्शाता है।
जरूरी सवाल: कब सुधरेंगी स्वास्थ्य सेवाएं?
इस घटना ने मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। अगर Deputy CM के क्षेत्र में ही लोगों को Basic Health Services नहीं मिल रही हैं, तो बाकी जगहों की स्थिति क्या होगी?
👉 क्या सरकार इस लापरवाही की जिम्मेदारी लेगी?
👉 क्या स्वास्थ्य विभाग को इस पर जवाबदेही तय करनी चाहिए?
👉 क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे?
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