
मंदसौर। सडक़ हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक रिपोर्ट सडक़ हादसों के बढ़ते आंकड़ों के बाद तैयार की गई। जिसमें पता चला कि इन हादसों के प्रमुख कारण शराब, स्पीड, रोड कटिंग, नींद आना है। इधर लापरवाही भी कहीं न कहीं सडक़ हादसों का कारण रही है। शराब और स्पीड के अलावा हेलमेट से दूरी भी जान जाने का कारण बन रही है। पिछले साल से तुलना करें तो इस बार दस प्रश ज्यादा सडक़ हादसे हुए है। इन हादसों में 38 फीसदी मौतें अधिक हुई हैं। मिली जानकारी के अनुसार 2023 में 521 सडक़ हादसे हुए है। इनमें 163 लोगों की मौत हुई और 474 लोग घायल हुए है। वही 2024 में 593 सडक़ हादसे हुए और 160 लोगों की मौत हुई। इनमें 544 लोग घायल हुए। 2025 में 31 अक्टूबर तक 655 सडक़ हादसे हुए। जिसमें 222 लोगों की मौत हुई और 690 लोग घायल हो गए। इस वर्ष सडक़ हादसों की बात करें तो 10 फीसदी सडक़ हादसें बढ़े और 38 फीसदी मौतें बढ़ी है। वही 26 फीसदी लोग अधिक घायल हुए है।पुलिस अधिकारियों ने कई कारण बताए। लेकिन इन कारणों में कुछ प्रमुख कारण भी बताए, जिनकी वजह से सबसे अधिक हादसे होते हैं। हादसों के प्रमुख कारणों में शराब पीकर वाहन चलाना, अधिक स्पीड में वाहन को चलाना, हाईवे और सामान्य रोड पर रोड कटिंग कर रास्ता देना है। वही एक्सप्रेस वे पर नींद का प्रमुख कारण भी रिपोर्ट में बताया गया है। तो गरोठ-उज्जैन फोरलेन पर रोड कटिंग हादसों का कारण बना रहा है। जो कि अवैध है।
पुलिस ने बनाई कार्य योजना…
पुलिस के अनुसार एक्सप्रेस वे पर चालक नींद ना निकाले इसको लेकर भी जागरुकता कार्यक्रम किए जा रहे है और बोर्ड भी लगा दिए गए है। चालकों को भी चाहिए कि वे कुछ दूरी पर चलकर रेस्ट करें। जिले के अन्य मार्गों पर स्पीड, शराब और रोड कटिंग के कारण सडक़ हादसे हो रहे हैं। इनको रोका जाए तो हादसों में नियंत्रण होगा। इसके साथ हेलमेट लगाना अनिवार्य किया जाए तो बहुत हद तक मौत के आंकड़ों में कमी आएगी, क्योंकि 70 फीसदी हादसे बाइक के हो रहे है।
हर माह एक्सप्रेस वे पर 16 हादसे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे को शुरु हुए 25 माह से अधिक समय हो गया। इस पर जिले की सीमा में अब तक 405 से अधिक हादसें हो चुके है। हर माह देखे तो करीब 16 हादसे इस पर हो रहे है। वही गरेाठ-उज्जैन फोरलेन पर भी करीब 15 से अधिक हादसे डेढ़ से दो माह में चुके है। एक्सप्रेस वे पर सडक़ हादसों का कारण नींद बताया था। फोरलेन पर हादसों का कारण अवैध रुप से रोड कट बताया गया है। इसको लेकर अब तक जिम्मेदारों ने कोई खासे प्रयास नहीं किए है। वही जिले के अन्य मार्गों पर स्पीड से वाहन चलाना और शराब पीने के कारण भी कई मामलों में सामने आए है।
| सन | हादसे | मौत | घायल |
| 2025 | 655 | 222 | 690 |
| 2024 | 593 | 160 | 544 |
| 2023 | 521 | 163 | 474 |





