
खाद के लिए भटकते किसान सिस्टम की मॉनिटरिंग कमजोर, बढ़ सकती है परेशानी
मंदसौर । खेती के इस पेचीदा समय में किसान खाद की तलाश में परेशान हैं, जबकि खाद वितरण केंद्रों पर तैनात कर्मचारी अपने-अपने तर्क दे रहे हैं। यदि इस स्थिति की मॉनिटरिंग समय पर नहीं हुई तो आने वाले दिनों में किसानों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं, जिससे खेती का पूरा सिस्टम प्रभावित होने की संभावना है।
डोराना के किसान बालाराम ने बताया कि वे खाद वितरण केंद्र पर भटक रहे हैं, “खाद और बीज नहीं मिल रहा है, सुबह से खड़े हैं, लेकिन जवाब मिलता है कि आज का कोटा पूरा हो गया, कल देंगे।”
इसी तरह मगराना (तहसील मल्हारगढ़) के किसान धनराज पाटीदार ने कहा “जहां-जहां खाद मिल रही है, वहां-वहां भटक रहे हैं, मगर हर जगह यही जवाब मिलता है कि आज का कोटा खत्म, कल आना। मंडी में कभी कहते हैं गाड़ी खाली हो रही है, तो कभी सिस्टम बंद है। खेती का काम बिगड़ रहा है, और हम लाइन में लगे हैं।”
वहीं खाद वितरण केंद्र पर ड्यूटी में मौजूद शैलेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि सुबह से किसानों की लाइन लग जाती है
“कागज लिए जाते हैं लेकिन सर्वर की दिक्कत से मशीन में अंगूठा लगाने में कई बार पाँच-पाँच बार ट्राय करना पड़ता है। उपलब्ध माल के हिसाब से वितरण किया जा रहा है, दस बीघा पर पाँच बोरी के अनुपात में। जब माल बच जाता है तो बाकी किसानों को बुलाया जाता है। इकट्ठे कागज लेने से वितरण का तालमेल बिगड़ता है।”
कुल मिलाकर, तकनीकी खामियों, आपूर्ति की अनियमितता और निगरानी की कमी ने किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। यदि संबंधित अधिकारी जल्द सख्त मॉनिटरिंग और आपूर्ति सुनिश्चित नहीं करते, तो खेती के crucial phase में खाद संकट गहराने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।




