
पहले रोज़ आठ बार अलग-अलग भोजन व्यंजन बनाकर बच्चे को खिलाते थे – सांसद सुधीर गुप्ता
सीतामऊ। श्री हांडियां बाग गौशाला में रविवार को श्रद्धा, भक्ति और सेवा भाव से परिपूर्ण अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया गया। समारोह में संत पं. विष्णु नारायण जी (मंदसौर) मुख्य अतिथि और सांसद सुधीर गुप्ता विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
गौ माता भी समुद्र से प्रकट हुईं – पं. विष्णु नारायण
अपने उद्बोधन में पं. विष्णु नारायण जी ने कहा कि “लक्ष्मी जी और सुरभि नामक गौ माता दोनों ही समुद्र से प्रकट हुई थीं। हम लक्ष्मी की पूजा करते हैं, पर उसी समुद्र से निकली गौ माता की सेवा नहीं करते, यही हमारी सबसे बड़ी भूल है।”
उन्होंने कहा कि पहले हर घर में गौ सेवा होती थी, अब लोग कुत्तों को पालकर उनकी सेवा में लगे हैं। “जो गौ माता अपने दूध से शिव, देवता और ब्राह्मणों को पवित्र करती है, वह हमारी भी रक्षा करती है।”
पंडितजी ने कहा कि “मध्यप्रदेश की धामनोद और राजस्थान की मोहनखेड़ा, माधोपुर के साथ सीतामऊ की गौशाला भी प्रदेश की सर्वश्रेष्ठ गौशालाओं में है।”
उन्होंने बताया कि गौ माता को “राष्ट्रमाता” का दर्जा दिलाने के लिए उज्जैन में संतों की बैठक आयोजित की जा रही है, जिसमें जनसहयोग आवश्यक है।
‘अब बच्चे को एक बार का टिफिन, पहले आठ बार अलग भोजन बनता था’ – सांसद सुधीर गुप्ता
सांसद सुधीर गुप्ता ने कहा कि आज की माताएं बच्चों को एक ही प्रकार का टिफिन देकर निपटा देती हैं, जबकि पुराने समय में बच्चों को दिनभर आठ बार अलग-अलग व्यंजन बनाकर खिलाए जाते थे। “भगवान ने सात दिन तक गोवर्धन पर्वत उठाया और माता ने सात दिन के लिए अलग-अलग भोजन बनाकर छप्पन भोग अर्पित किया था। गाय केवल पशु नहीं, हमारी पूजनीय माता है,” उन्होंने कहा।
‘शादी में लाखों खर्च, पर गौ सेवा में पांच हजार भी नहीं’ – सविता कुंवर राठौर
नारी सेवा क्षत्राणी संगठन की अध्यक्ष श्रीमती सविता कुंवर राठौर ने कहा कि आज हम शादी-ब्याह में लाखों खर्च करते हैं, पर गौ सेवा के लिए पाँच हजार भी नहीं देते। “पहले विवाह में कन्यादान के साथ गौदान होता था, अब मृत्यु के बाद चांदी की गौ दान देते हैं, वह भी डूब जाती है तो वैतरिणी कैसे पार होगी?” उन्होंने कहा कि जीवित रहते हुए गौ सेवा कर पुण्य अर्जित करना ही सच्चा धर्म है।
‘मकर संक्रांति पर तुला दान करें’ – पं. अक्षित पांडेय
पं. अक्षित पांडेय (बसई) ने कहा कि मकर संक्रांति पर तुला दान का विशेष महत्व है। “अपने वजन के बराबर गुड़ और लापसी गौ माता को खिलाने से कर्ज से मुक्ति और भाग्य उदय होता है,” उन्होंने बताया।
‘मेरा जीवन गौ सेवा को समर्पित रहे’ – अध्यक्ष संजय लाला जाट
गौशाला अध्यक्ष श्री संजय लाला जाट ने कहा कि “गौ माता की सेवा, मां जगदंबा की सेवा है। मेरा एक हाथ अब नहीं रहा, भाई भी हमारे बीच नहीं हैं, पर मैं प्रार्थना करता हूं कि जीवन का शेष समय गौ सेवा में ही व्यतीत हो।” उन्होंने सभी सहयोगियों के प्रति आभार जताया।
दान एवं सम्मान समारोह
कार्यक्रम के दौरान श्रीमती सविता कुंवर राठौर, श्रीमती गिरजा कुंवर बिशनिया, श्रीमती धनीबाई किशनलाल माली (दलावदा) द्वारा ₹51,000, ओमप्रकाश धनोतिया द्वारा ₹11,000 का दान दिया गया। मंदिर के पुजारी पं. श्याम सुंदर शर्मा, पं. आशीष द्विवेदी, पं. दीपक जोशी सहित गौ सेवकों को वस्त्र व सम्मान राशि भेंट कर सम्मानित किया गया।
गौ माता की सामूहिक आरती व प्रसादी
समारोह के प्रारंभ में भक्तजनों ने गौ माता को लापसी, पूरी और गुड़ का आहार कराया। इसके बाद पं. आशीष द्विवेदी ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सामूहिक गौ आरती संपन्न कराई। श्रीमती गिरजा कुंवर बिशनिया ने गौ सेवा गोद लेने का संकल्प लिया। इसके पश्चात सामूहिक सहभोजन प्रसादी का आयोजन हुआ।
समारोह में उपस्थित गणमान्य
मंचासीन अतिथियों में पं. विष्णु नारायण जी, सांसद श्री सुधीर गुप्ता, नगर परिषद अध्यक्ष श्री मनोज शुक्ला, पूर्व अध्यक्ष श्री किशोर जैन बापू, पं. अक्षित पांडेय, जियोस सदस्य श्री अनिल पांडेय, गोविंद सिंह पंवार आदि शामिल रहे।
इस अवसर पर समाजसेवी नरेंद्र दुबे, डॉ. अर्जुन पाटीदार, फुलचंद पाटीदार, कैलाश पोरवाल, सुरेश पाटीदार, दिनेश सेठिया, अशोक जैन विवेकानंद, सुमित रावत, जगदीप सिंह राठौर, घनश्याम शर्मा, बापूलाल जाट, नवीन पंड्या, यशपाल सिंह राठौर, गोपाल जाट, रामलाल जाट, शिवनारायण पाटीदार, मुकेश कारा, गोविंद सांवरा, पवन शर्मा, कैलाश घाटिया काका, पुरणदास बैरागी, संपादक लक्ष्मीनारायण मांदलिया, पत्रकार हेमंत जैन, सुरेश गुप्ता, जगदीश चौहान, कवि यशवंत पाटीदार, डॉ. गोवर्धनलाल दानगढ़, भेरूलाल राठौर, लखन पाटीदार, डॉ. विजेश पाटीदार, थाना प्रभारी कमलेश प्रजापत व पुलिस टीम सहित बड़ी संख्या में गौ भक्त एवं धर्मप्रेमी जन उपस्थित रहे।




