Tuesday, July 1, 2025
HomeNEWS800 jains in ahemdabad said no to turkey ये ...

800 jains in ahemdabad said no to turkey ये हमारे देश का सवाल है

देशभक्ति का एक सशक्त उदाहरण


ये अपने देश का सवाल है”: तुर्की-अज़रबैजान यात्रा रद्द करने पर मनीष मारू ने जताया समर्थन
— अहमदाबाद से विशेष रिपोर्ट

अहमदाबाद: भारत विरोधी देशों के प्रति सख्त रुख अपनाते हुए अहमदाबाद जैन समाज द्वारा तुर्की और अज़रबैजान की धार्मिक यात्रा रद्द किए जाने को लेकर श्री अखिल भारतीय जैन दिवाकर संगठन समिति (युवा शाखा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष मारू ने इस फैसले को “देशभक्ति का एक सशक्त उदाहरण” करार दिया है।

उन्होंने कहा, “ये कोई साधारण निर्णय नहीं है, बल्कि यह आत्मिक और सामाजिक जागरूकता का प्रतीक है। यह कदम बताता है कि भारत की अस्मिता और संस्कृति पर जब कोई हमला होता है, तो समाज खामोश नहीं बैठता, बल्कि वह खड़ा होता है—साहस और विवेक के साथ।”

800 यात्रियों ने दिखाया आत्मबल

जानकारी के अनुसार, अहमदाबाद जैन समाज के करीब 800 सदस्यों ने तुर्की और अज़रबैजान की प्रस्तावित यात्रा को रद्द कर दिया। यह कदम ऐसे समय पर लिया गया है जब इन दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत विरोधी बयानबाज़ी और नीतियों को खुलकर समर्थन दिया है—विशेष रूप से कश्मीर मुद्दे पर।

“यह केवल यात्रा रद्द नहीं, राष्ट्रधर्म की पूर्ति है” – मनीष मारू

मनीष मारू ने कहा कि “तुर्की और अज़रबैजान जैसे देश, जो भारत की संप्रभुता और सांस्कृतिक अस्मिता के विरुद्ध हैं, उनका बहिष्कार करना केवल एक राजनीतिक निर्णय नहीं, बल्कि एक धार्मिक और राष्ट्रीय कर्तव्य है।”

इतिहास का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, “जैन धर्म का इतिहास त्याग, तपस्या और राष्ट्रनिष्ठा से भरा पड़ा है। भगवान महावीर के काल से ही जैन समाज ने केवल आत्मशुद्धि ही नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना और सहअस्तित्व का मार्ग प्रशस्त किया है।”

समस्त समाज से बहिष्कार की अपील

अपने निवेदन में मनीष मारू ने न केवल जैन समाज, बल्कि भारत के सभी सामाजिक संगठनों से यह अपील की कि वे उन देशों का आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार करें जो भारत विरोधी मानसिकता रखते हैं।

“गुजरात जैन समाज ने जो पहल की है, वही कदम देशभर और विश्वभर के जैन समाज सहित अन्य सामाजिक संगठनों को भी उठाना चाहिए। यही हमारी सच्ची देशभक्ति और संघबद्धता का प्रमाण होगा।” – उन्होंने कहा।

राजनीति से ऊपर देशधर्म

मनीष मारू ने स्पष्ट किया कि यह कोई राजनीतिक बयान नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और राष्ट्रीय चेतना की अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा, “हमारी चुप्पी भी एक भूमिका निभाती है। पर इस बार, हमने बोलने का और सही पक्ष में खड़े होने का साहस दिखाया है।”

जय भारत, जय धर्म, के नारे के साथ उन्होंने अपनी बात समाप्त की।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments

You cannot copy content of this page