Tuesday, July 1, 2025
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UPSC 2025में गरोठ के ऋषभ चौधरी ने हासिल की 28वीं रैंक, पूर्व मंत्री सुभाष सोजतिया ने दी भावुक बधाई: कहा – “यह पूरे जिले की जीत है

गरोठ, मंदसौर:

मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के छोटे से कस्बे गरोठ से निकलकर ऋषभ चौधरी ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2025में ऋषभ ने 28वीं रैंक हासिल कर इतिहास रच दिया। यह न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि गरोठ और समूचे मंदसौर जिले के लिए गर्व की बात है।

इस उपलब्धि पर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुभाष सोजतिया ने ऋषभ को व्यक्तिगत रूप से बधाई देते हुए कहा:

“ऋषभ साधारण परिवार का असाधारण बेटा है। उसने यह सिद्ध कर दिया कि अगर लगन और इरादे मजबूत हों, तो संसाधनों की कमी भी आड़े नहीं आती। आज की पीढ़ी चट्टानों को चीरकर भी रास्ता बना रही है — ऋषभ उसका जीवंत उदाहरण है।”

कोचिंग नहीं, खुद की मेहनत बनी सीढ़ी

ऋषभ के पिता एक इंश्योरेंस एजेंट हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद, परिवार ने शिक्षा को हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता दी। ऋषभ ने किसी कोचिंग की मदद नहीं ली — उन्होंने घर पर रहकर, कठिन परिश्रम और आत्मविश्वास से अपनी तैयारी की। हर दिन का संघर्ष, हर किताब का पन्ना उनके तप का हिस्सा बना।

UPSC टॉपर ऋषभ: एक प्रेरणा, एक प्रतीक

ऋषभ की यह सफलता खासकर उन युवाओं के लिए उम्मीद की किरण है जो छोटे कस्बों, गांवों या सीमित आर्थिक संसाधनों से आते हैं लेकिन सपने बड़े देखते हैं। वे दिखाते हैं कि सही दिशा में मेहनत की जाए तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं।

सोजतिया ने आगे कहा:

“ऋषभ की सफलता सिर्फ एक रैंक नहीं है, यह एक संदेश है – हमारे गांवों, कस्बों और सीमित संसाधनों वाले परिवारों के युवाओं के लिए कि वे भी बदलाव के वाहक बन सकते हैं। यह उन सभी माता-पिता, शिक्षकों और युवाओं की भी जीत है, जो सपने देखने से नहीं डरते।”

“यह सिर्फ ऋषभ की नहीं, पूरे गरोठ की जीत है” – सोजतिया

पूर्व मंत्री सुभाष सोजतिया ने ऋषभ को गरोठ की धरती का गौरव बताया। उन्होंने कहा कि ऋषभ की सफलता में गरोठ की मिट्टी, वहां के संस्कार और संघर्ष की झलक साफ दिखती है।

“आज गरोठ का नाम पूरे देश में रोशन हुआ है। ऋषभ अब सिर्फ एक नाम नहीं, एक प्रतीक हैं — उस बदलाव का जो अब गरोठ से निकलकर पूरे देश के युवाओं तक पहुंचेगा।”

ऋषभ चौधरी की यह सफलता सिर्फ एक व्यक्तिगत विजय नहीं है, यह उन लाखों युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत है जो अपनी मेहनत से अपने भाग्य को लिखना चाहते हैं। और सुभाष सोजतिया जैसे अनुभवी नेताओं का यह भावनात्मक समर्थन यह दर्शाता है कि जब युवा आगे बढ़ते हैं, तो पूरा समाज उनके साथ खड़ा होता है।

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