छतरपुर-1 खदान हादसा: कोयला खदान में छत गिरने से बड़ा हादसा, राहत कार्य जारी

छतरपुर-1 खदान में गंभीर हादसा सामने आया है। जानकारी के अनुसार, पाथाखेड़ा में वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड (WCL) की छतरपुर-1 खदान में लगभग साढ़े तीन किलोमीटर अंदर कंट्यूनर माइनर सेक्शन में काम चल रहा था।
कैसे हुआ हादसा?
गुरुवार दोपहर करीब 3 बजे, खदान में कोयला काटने का कार्य चल रहा था, तभी अचानक खदान की छत गिर गई। हादसे के समय खदान में करीब 25 से 26 कर्मचारी मौजूद थे, हालांकि वे अलग-अलग सेक्शन में कार्यरत थे। बताया जा रहा है कि खदान की छत की ऊंचाई करीब 10 मीटर थी, जो अचानक ढह गई। इस हादसे में तीन कर्मचारी मलबे में दब गए।
कोलकाता की कंपनी द्वारा ठेका, ऑस्ट्रेलियाई मशीन से हो रहा था कार्य
सूत्रों के अनुसार, इस खदान का ठेका कोलकाता की एक कंपनी को दिया गया था और यहाँ आधुनिक ऑस्ट्रेलियाई मशीनों से कोयला खनन का कार्य किया जा रहा था। मशीनों के संचालन के दौरान ही छत गिरने की घटना घटी। इस दौरान अधिकारी और कर्मचारी निरीक्षण के लिए खदान में उतरे हुए थे।
जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन सक्रिय
घटना की सूचना मिलते ही बैतूल कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी और एसपी निश्चल एन झरिया तुरंत पाथाखेड़ा के लिए रवाना हो गए। एसपी ने बताया कि राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। वहीं, स्थानीय प्रशासन ने हादसे की जांच शुरू कर दी है, हालांकि अब तक हादसे के स्पष्ट कारणों का पता नहीं चल सका है।
राहत और बचाव कार्य जारी
प्रशासन की टीमें घटनास्थल पर मौजूद हैं और मलबे में फंसे कर्मचारियों को सुरक्षित निकालने का प्रयास जारी है। इसके साथ ही, इस घटना की विस्तृत जांच भी शुरू हो चुकी है ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोका जा सके।
छतरपुर-1 खदान हादसा कोयला खनन क्षेत्र में सुरक्षा उपायों पर गंभीर सवाल खड़े करता है। प्रशासन की प्राथमिकता फिलहाल राहत और बचाव कार्य को पूरा करना है, लेकिन भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्त सुरक्षा मानकों की आवश्यकता है।
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