मंदसौर। तेल-तिलहन और दालों की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार ने 7 वस्तुओं के वायदा कारोबार पर रोक लगाने का आदेश जारी किए। इससे धान (गैर बासमती), मूंग, गेहूं, सोयाबीन व सोयाडेरेवेटिव्स, क्रूड पाम आइल (सीपीओ) , सरसों व रेपसीड व सरसों डेरेवेटिव्स के साथ चना के वायदा कारोबार पर एक साल के रोक लग गई है। सोमवार को सरकार ने आदेश जारी किए और मंगलवार से बाजार पर इसका असर नजर आने लगा।
बाजार के साथ मंडियों में खाने के तेल सहित सोयाबीन, गेहूं के भाव गिरना शुरू हो गए। जनता को राहत मिली है। इधर, व्यापारियों को कहना है कि सरकार के इस फैसले से आगे भावों में मंदी रहेगी और लोगों को आगे भी महंगाई से राहत मिलेगी।इसके पहले मंडी में सोयाबीन और बाजार में सोयाबीन के तेल के भाव नए रिकॉर्ड बना रहे थे। महंगाई बढ़ रही थी और लोगों के किचन का बजट गड़बड़ा रहा था। भाव पर लगाम लगाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही थी। बावजूद खाने के तेल के भाव नीचे नहीं आ रहे थे। वहीं, सोयाबीन के भाव नए रिकॉर्ड बना रहे थे। अब दाम में काबू पाने के लिए सरकार ने तेल सहित अन्य 7 सामग्री के वायदा कारोबार पर ही रोक लगाने से दाम काबू में आना शुरू हो गए हैं।वायदा पर रोक लगाने के साथ ही सरकार ने खाना पकाने के तेल के भाव पर रोक लगाने के लिए एक और कदम उठाया। सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी घटा दी। रिफाइंड पाम तेल पर मूल सीमा शुल्क को 17.5 फीसदी से घटाकर 12.5 फीसदी कर दिया है। इसका असर खाने के अन्य तेल पर भी पडऩा तय है। इससे खाने के तेल के भाव और नीचे आ सकते हैं।