
हमारे मरने के बाद भी हमारी आंखे किसी और की जिंदगी से अंधेरा हटा सकती हैं
नेत्रदान अवश्य करे-एक कॉर्निया से 3 व्यक्तियों की आंखें रोशन हो सकती है
रविन्द्र पाण्डेय
नेत्रदान पखवाड़ा (आई डोनेशनफोर्टनाईट) (25 अगस्त से 8 सितम्बर, 2022) के अवसर नेत्रदान महादान-नेत्रदान का संकल्प ले ताकि किसी का अँधेरा जीवनउजाले से भर जाएँ कॉर्निया प्रत्यारोपण (लेमेलर केराटोप्लास्टी जैसे – डीसेक, डीमेक, प्रीडेसमेटकेराटोप्लास्टी, स्टेमसेल ट्रांसप्लान्टेशन) के क्षेत्र में हुई क्रांतिकारी शोधकार्याे से एक कॉर्निया से 3व्यक्तियों की आंखें रोशन हो सकती है। नेत्रदान पखवाड़ा (आई डोनेशन फोर्टनाईट) – देश भर में 25 अगस्त से 8 सितम्बर तक मनाया जाता है। इसका प्रमुख उद्देश्य नेत्रदान कीभ्रांतियों का दूर करना है एवं कॉर्निया ट्रांसप्लान्टेशन के बारे में जनमानस के बीच नेत्रदान के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। विश्व भर में सबसे अधिक नेत्रदान(कॉर्निया डोनेशन) श्रीलंका में किए जाते हैं। समाज में नेत्रदान के प्रतिजागरूकता बढ़ाकर भारत नेत्रदान के क्षेत्र में एक सम्मानजनक मुकाम पर पहुंच सकताहै। यदि सभी मृत व्यक्तियों द्वारा नेत्रदान किया जाये ंतो, देश में कोई भीकॉर्निया में खराबी होने के कारण हुई अंधता से ग्रसित नहीं होगा। नेत्रदान केक्षेत्र में सबसे प्रमुख अवरोध समाज में जागरूकता की कमी एवं अगले जन्म में अंधापैदा होने सम्बन्धी धार्मिक रूढ़ियां है। आँखों का दान करना धर्म के विरूद्ध नहींहै। ऋषि दाधीच द्वारा अपनी अस्थियों का दान करने की कथा सर्वविदित है। अगरधृतराष्ट्र के पास नेत्र होतें तो संभवतः महाभारत नहीं होती। आँखों का महत्वक्या है? आंखे हमारे जीवन में कितनी अहम भूमिका निभाती है एवं आंखों के अभावमें जीवन कितना मुश्किल हो सकता है इसकी कल्पना कुछ मिनट हम अपनी आंखें बंद करके कर सकते है।