

लेकिन क्या असली वजीर अब भी पर्दे में?
सूत्रों का दावा: अमजद तो सिर्फ प्यादा… बड़ी चौसर अब खुलने वाली है|
सुवासरा। किसान मनीष व्यास आत्महत्या प्रकरण का मुख्य आरोपी और 10 हजार के इनामी भूमाफिया अमजद पठान को मंदसौर पुलिस ने राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया।पुलिस की पाँच अलग–अलग टीमें मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात में लगातार पाँच दिन तक उसकी तलाश में थीं।
घटना की पृष्ठभूमि
14 नवंबर को किसान मनीष व्यास ने अमजद को दिए रुपये वापस न मिलने और दबाव बढ़ने पर ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली थी। 15 नवंबर को परिवारजन और सर्व हिंदू समाज ने शव रखकर 6 घंटे चक्का जाम किया था।इसके बाद भी कई दिनों तक न गिरफ्तारी हुई, न ही अवैध संपत्ति पर कार्रवाई।
जनदबाव बढ़ने के बाद ही पुलिस–प्रशासन हरकत में आया।
नई FIR ने खोला एक और पिटारा
गिरफ्तारी के साथ ही अमजद के खिलाफ एक और धोखाधड़ी प्रकरण दर्ज किया गया है।फरियादी रमेश अहिरवार द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर पुलिस ने अमजद पर,
धारा 318(4), 119(1), 296 (b), 115 (2), 351 (3) BNSSC /ST Act की धारा 3 (1)(द), 3 (1)(घ), 3 (2)(va)
के तहत अपराध कायम किया है।
सूत्रों के अनुसार ऐसे कई प्रकरण हैं जो आने वाले दिनों में खुल सकते हैं।सूत्रों की तफ्तीशी, असली तहें अब खुलेंगी?
प्रेस नोट से अलग, सूत्रों ने बड़ी बात कही है— अमजद ‘अंतिम लक्ष्य’ नहीं — बस एक प्यादा
अमजद जिन जमीनों पर खेल कर रहा था, वहांकई बड़े नाम,पूर्व और वर्तमान राजनीतिक संपर्क,और असरदार सफेदपोशों की भूमिका की चर्चाएँ तेज हैं। गिरफ्तारी के बाद दबाव बढ़ने से ‘सफेदपोशों की घबराहट’ शुरूकई लोग अपने आगे आने वाले दिनों की कार्यवाहियों को लेकर चिंतित बताए जा रहे हैं।
क्या अब और मामलों की ‘चौसर’ बिछेगी?
सूत्रों का दावा है कि“अमजद के पास कई ऐसे राज हैं, जिनके खुलने पर सुवासरा ही नहीं, पूरा जिला हिल सकता है।”
प्रशासन की भूमिकाओं पर भी सवाल
तहसील स्तर की 9 सदस्यीय जांच टीम कोसामान्य अतिक्रमण खोजने भेजा गया,जबकि असली मुद्दा अमजद की अवैध कमाई का नेटवर्क था। यह दिशा बदलने जैसी रणनीति भी मानी जा रही है।
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नुक्ता-ए-नज़र
अमजद की गिरफ्तारी पुलिस की उपलब्धि जरूर है,
लेकिन यह केवल शुरुआत है।
असली सवाल यह है कि क्या अब जाँच उसके ‘मददगारों और वजीरों’ तक पहुँचेगी?
क्या अवैध कब्जों, शोरूम, फार्महाउस और कालोनियों की कार्रवाई भी होगी?
या फिर ‘प्यादा’ जेल जाकर, पूरी चौसर यथावत बनी रहेगी?
जरूर है कि प्रशासन सिर्फ गिरफ्तारी का तमाशा न दिखाए,
बल्कि पूरे नेटवर्क की जाँच कराए,वरना यह गिरफ्तारी भी सिर्फ एक ‘औपचारिक उपलब्धि’ बनकर रह जाएगी।



