
क्रिटिकल केयर और मातृ-शिशु यूनिट का काम अधूरा, मरीजों को अब भी रैफर किया जा रहा है
मंदसौर। जिला अस्पताल में बन रही क्रिटिकल केयर यूनिट (CCU) और मातृ-शिशु यूनिट (Mother & Child Unit) का काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है।
अधिकारियों की उदासीनता और काम की सुस्त रफ्तार के चलते ये दोनों अहम स्वास्थ्य सुविधाएं समय पर शुरू नहीं हो सकीं, जिससे गंभीर मरीजों और प्रसूताओं को अन्य बड़े अस्पतालों में रैफर करना पड़ रहा है।

डेढ़ महीने से चल रहा हाईटेंशन लाइन का काम, यूनिट अब तक नहीं जुड़ी
पिछले डेढ़ माह से अस्पताल परिसर में बड़ी विद्युत लाइन (हाईटेंशन लाइन) का कार्य जारी है।
इसी लाइन से क्रिटिकल केयर यूनिट और मातृ-शिशु यूनिट को जोड़ा जाना है, ताकि बिजली सप्लाई में कोई रुकावट न आए।
लेकिन यह काम भी दो से ढाई महीने की देरी से चल रहा है, जिसके कारण दोनों यूनिटों का शुभारंभ टलता जा रहा है।
अस्पताल सूत्रों के मुताबिक — “कार्य लगभग पूरा है, लेकिन तकनीकी कनेक्शन और बिजली लाइन का काम अटकने से यूनिट चालू नहीं हो पा रही।”
अधूरे प्रोजेक्ट से मरीजों की बढ़ी मुश्किलें
क्रिटिकल केयर यूनिट (CCU) में 50 बेड की क्षमता रखी गई है।
यह यूनिट गंभीर घायलों, हृदय रोगियों और अन्य आपात मरीजों के लिए जीवनरक्षक सुविधा बनने वाली है।
लेकिन देरी के चलते अब भी कई मरीजों को इंदौर और उज्जैन जैसे बड़े सेंटरों पर रैफर किया जा रहा है।
मातृ-शिशु यूनिट तैयार, लेकिन ओपीडी में ही चल रहा इलाज
अस्पताल की मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य यूनिट (Mother & Child Health Unit) लगभग तैयार हो चुकी है,
लेकिन फिलहाल पुराने मेटरनिटी विंग में ही ओपीडी संचालित हो रही है।
हाल ही में एनक्यूएस टीम के निरीक्षण में इस बात पर अस्पताल के अंक भी कट गए, क्योंकि नई यूनिट समय पर शुरू नहीं हुई।
नई यूनिट में
- शिशु रोग यूनिट (NICU),
- स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU),
- आईसीयू,
- दो लेबर रूम और
- दो ओटी (ऑपरेशन थिएटर) शामिल हैं।
साथ ही यहां के लिए अलग मेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों की नियुक्ति भी की जाएगी।
निरीक्षण में कटी रेटिंग, समय पर यूनिट शुरू होती तो बढ़ते अंक
हाल ही में हुई नेशनल क्वालिटी सर्विस (NQAS) की जांच टीम ने जब अस्पताल का निरीक्षण किया,
तो पाया कि मेटरनिटी विंग पुराने भवन में ही चल रहा है।
यदि यूनिट समय पर शुरू हो जाती, तो जिला अस्पताल को बेहतर अंक और ग्रेड मिल सकता था।
देरी के कारण सवालों के घेरे में जिम्मेदार अधिकारी
स्थानीय नागरिकों और स्वास्थ्यकर्मियों में इस लेटलतीफी को लेकर नाराजगी है।
कई महीनों से जारी यह निर्माण कार्य अब भी अधूरा है, और
अधिकारियों के पास स्पष्ट जवाब नहीं कि यूनिट आखिर कब तक शुरू होगी।
अधूरे वादों में फंसा जिला अस्पताल का सपना
मंदसौर जिला अस्पताल की क्रिटिकल केयर यूनिट और मातृ-शिशु यूनिट दोनों ही जिले की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अत्यंत जरूरी हैं।
लेकिन काम की धीमी रफ्तार और अफसरों की लापरवाही के चलते ये प्रोजेक्ट जनहित की बजाय कागजों में सीमित रह गए हैं।
अब देखना यह है कि इन यूनिटों का उद्घाटन आखिर कब होगा — और मंदसौर के मरीजों को राहत कब मिलेगी।




