

पालिका ने संभाली व्यवस्था, व्यापारियों में उत्साह लौटा, रात को शिवना में तैरते दीपक ने किया मन को मोहित
कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर बुधवार को पशुपतिनाथ शिवना तट पर श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला। सुबह से ही जिलेभर से महिलाएं, बच्चियां और श्रद्धालु परिवार मंदिर परिसर पहुंचे। उन्होंने दीपदान किया और टाटिया प्रवाहित कर सुख-समृद्धि, शांति और परिवार के मंगल की कामना की। यह सिलसिला रात तक चलेगा शिवना में तैरती टाटिया ने किया मन भावन दृश्य।
शिवना के तट पर सजी आस्था की इस दीपमालिका में महिलाओं का उत्साह देखते ही बनता था। जावरा से आई प्रिया मंडलोई ने बताया कि ‘पूर्णिमा के इस दिन पांच अलग-अलग घाटों पर दीप प्रज्जवलित कर सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की जाती है।’
जावरा से ही आई पुष्पा राठौड़ ने कहा— ‘आज के दिन व्रत रखकर टाटिया प्रवाहित करने का विशेष महत्व है।’
सरवानिया बोर से पहुंचीं रिंकू कराड़िया ने बताया— ‘पूर्णिमा के दीपदान का बड़ा धार्मिक महत्व है। कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना से दीपदान करती हैं।’
नीमच सिटी की कुमारी प्रतिभा ने कहा— ‘हम व्रत रखकर परिवार की खुशहाली और उत्तम वर की कामना से दीपदान करते हैं।’
रानू सिसोदिया ने कहा— ‘यह परंपरा परिवार के मंगल और समृद्धि का प्रतीक है, हर वर्ष हम इस दिन दीपदान करती हैं।’
बरसात के कारण पहले मेले की रफ्तार थमी हुई थी, लेकिन आज पूर्णिमा के साथ मेला धीरे-धीरे जमने लगा है। नगर पालिका द्वारा मैदान समतलीकरण और सफाई कार्य के बाद व्यापारियों ने दुकानों की सजावट शुरू कर दी है। मौसम खुलने से व्यापारी वर्ग भी आशान्वित है कि इस बार अच्छा व्यापार और भीड़ होगी।
नगर पालिका का अमला लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहा। नपाध्यक्ष रामादेवी बंशीलाल गुर्जर ने आज सुबह मेला प्रांगण का निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश दिए।
दोपहर में नगर पालिका के राजस्व प्रभारी अधिकारी मंगेश नवले ने बताया कि ‘पूर्णिमा पर भीड़ बढ़ रही है, रात तक और अधिक लोगों के आने की संभावना है। मेला मार्ग पर जो दुकानें आवागमन में रुकावट डाल रही हैं, उन्हें व्यवस्थित किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं को सुगम आवाजाही मिल सके।’
पशुपतिनाथ के शिवना तट पर दीपदान का यह दृश्य एक बार फिर सिद्ध कर गया कि आस्था की ज्योति हर मौसम पर भारी है, श्रद्धा का यह मेला मंदसौर की परंपरा का जीवंत प्रतीक बन गया है।






