
मंदसौर। मास्टर प्लान-2041 सवालों के घेरे में है। मास्टर प्लान को लेकर लोग सडक़ों पर उतर चुके हैं। इसके अलावा मंदसौर बंद रखकर प्रदर्शन भी हुए है। कई लोगों का कहना है कि यह मास्टर प्लान उनके लिए विपत्ती बनकर आया है। जिससे उनकी संपत्ती प्रभावित हो रही है। वहीं इससे बचने के लिए आपत्तियों की बौछार इस मास्टर प्लान पर हुई है। पिछली बार के मास्टर प्लान से तीन गुना ज्यादा आपत्ती इस बार आई है। कुल मिलाकर आपत्ती, विपत्ती और संपत्ती मास्टर प्लान लेकर आया है।
पिछली बार 267 आपत्तियां, इस बार आंकड़ा 950
मास्टर प्लान-2041 के ड्राफ्ट पर दावे-आपत्तियों का दौर खत्म हो चुका है। अब विषयवार आपत्तियों की सूची बन रही है। खास बात ये है कि साल-2035 का ड्राफ्ट जो रद्द हो चुका है, उस पर 267 आपत्तियां आई थीं। 2041 के ताजा ड्राफ्ट में आपत्तियों की संख्या साढ़े 3 गुना बढक़र 950 से ज्यादा हो गई हैं। जो प्रमुख विषय सामने आए हैं, उन्हें टीएनसीपी दोबारा समिति की बैठक में रखेगी। प्रशासन जनप्रतिनिधियों की संतुष्टि के बाद आपत्तियों के निपटारे की तारीख तय होगी। इसके बाद प्लान भोपाल भेजा जाएगा। टीएनसीपी के नीमच स्थित दफ्तर में विषयवार सूची पर काम शुरू हो चुका है।
यह है आपत्तियों में खास
इधर, टीएनसीपी व प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक जो प्रमुख विषय आपत्तियों में उभरे हैं, उनमें कलेक्टोरेट मार्ग को 54 से बढ़ाकर 100 फीट प्रस्तावित करना शामिल है। साथ ही ड्राफ्ट में नया बस स्टैंड नालछा माता क्षेत्र (शहर से करीब 7-8 किमी दूर) में प्रस्तावित करना, फोरलेन रोड वाले रामटेकरी-रेवास देवड़ा मार्ग में किसानों की जमीन को ग्रीन बेल्ट में डालना, शिवना नदी का एक किनारा ग्रीन व दूसरा बाढ़ प्रभावित आवासीय होना, नए कलेक्टोरेट वाले रोड के आसपास 22 से ज्यादा जमीनों पर सडक़ें प्रस्तावित करना, राम मंदिर की भूमि को आवासीय करना, कालाभाटा के पास आवंटित भूमि को आवासीय बताना समेत कई विषय शामिल हैं।
बैठक में भी उठा था विषय
प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की मौजदूगी में 8 नवंबर को बैठक हुई थी। इसमें विषय उठा था कि वर्तमान स्थिति में मंदसौर नपा का एरिया लगभग 3500 एकड़ है, जहां नगरपालिका क्षेत्र की सीमा है। इसमें 1800 एकड़ में ही शहर बसा है। शेष जमीन का उपयोग किस तरह से और कैसे किया जाएगा, इस पर सवाल उठे थे। ऐसे में 7 किमी दूर तक नए गांव लेने पर जिम्मेदारों से जवाब मांगे गए थे। बैठक में लोकसभा, राज्यसभा सांसद, विधायक, नपाध्यक्ष व जनपद अध्यक्ष भी मौजूद थे। इधर, कलेक्टर अदिति गर्ग ने 10 दिनों में विभाग से तमाम बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।




