
ठंड में बढ़ा ब्रीडिंग सीजन, हर दिन आधा दर्जन लोग हो रहे डॉग बाइट का शिकार
मंदसौर। शहर में करीब तीन हजार स्ट्रीट डॉग्स खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि पूरे जिले में इनकी संख्या दस हजार से अधिक पहुंच चुकी है। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि सुवासरा और भानपुरा में दो मासूम बच्चों की मौत तक हो चुकी है। शहर के अस्पतालों में रोजाना डॉग बाइट के आधा दर्जन मामले पहुंच रहे हैं।
नगर पालिका का दावा है कि समस्या के समाधान के लिए नसबंदी प्रोजेक्ट (Animal Birth Control Program) चलाया जा रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और है — तीन बार टेंडर निकलने के बावजूद कोई भी एनजीओ काम करने नहीं आया।
ठंड में बढ़ता खतरा: ब्रीडिंग टाइम पर आक्रामक हो रहे कुत्ते
पशु चिकित्सा विभाग के जानकारों के अनुसार, ठंड का मौसम कुत्तों की ब्रीडिंग का समय होता है। इस दौरान वे अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं।
वहीं गर्मी के मौसम में बॉडी टेम्परेचर कंट्रोल न कर पाने और भोजन की कमी के कारण वे बेचैन और हिंसक हो जाते हैं।
नसबंदी प्रोजेक्ट पर सवाल: तीन बार टेंडर, कोई एनजीओ नहीं आया
नगर पालिका ने कुत्तों की नसबंदी के लिए तीन बार टेंडर निकाले, लेकिन किसी एनजीओ ने रुचि नहीं दिखाई।
जानकारों के अनुसार, छोटे शहरों में एनजीओ को कम बजट और कठोर शर्तों के कारण काम करने में दिलचस्पी नहीं है।
मंदसौर में पहले भी जो एनजीओ आया था, उसे स्थानीय स्तर पर कथित डॉग लवर्स से विरोध का सामना करना पड़ा।
“हर बार अभियान में कथित पशुप्रेमी अवरोध खड़ा करते हैं, शिकायतों पर कार्रवाई करने गई टीमों को कई बार खाली हाथ लौटना पड़ा,” नगरपालिका अधिकारी।
शेल्टर होम नहीं, कुत्ते फिर लौट आते हैं सड़कों पर
जिले में एक भी डॉग शेल्टर होम नहीं है।
कुत्तों को पकड़कर जहां छोड़ा जाता है, वे कुछ ही दिनों में फिर से आबादी वाले इलाकों में लौट आते हैं।
नगर पालिका अब तक किसी भी अवरोधक पर एफआईआर तक दर्ज नहीं कर पाई है, जिससे यह समस्या और बढ़ती जा रही है।
13 लाख रुपए खर्च, फिर भी नहीं मिली राहत
नगर पालिका ने अब तक वैक्सीनेशन और नसबंदी के नाम पर 13 लाख रुपए से अधिक खर्च कर दिए हैं।
एनिमल कंट्रोल बर्थ प्रोग्राम के तहत पहले चरण में 1000 कुत्तों और दूसरे चरण में 500 कुत्तों की नसबंदी और वैक्सीनेशन किया गया।
एक कुत्ते पर औसतन 900 रुपए तक का खर्च आया, लेकिन इसके बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है।
क्यों बढ़ रहा है कुत्तों का आक्रामक व्यवहार?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक स्ट्रीट डॉग्स के हिंसक होने के पीछे कई कारण हैं —
- नसबंदी न होना: हार्मोन असंतुलन के कारण कुत्ते ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं।
- असुरक्षा की भावना: मादा कुत्ते बच्चों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सतर्क रहती हैं।
- टीकाकरण में लापरवाही: एंटी रैबीज वैक्सीन समय पर न लगने से उनके व्यवहार में बदलाव आता है।
- भोजन की कमी: भूखे कुत्तों में बेचैनी और आक्रामकता दोनों बढ़ती हैं।




