
वित्तीय वर्ष 2025‑26 के भोपाल नगर निगम बजट की प्रस्तुति 20 दिन पहले की गई, मगर आज तक निगम की तिजोरी नहीं खुल पाई। इससे शहर के महत्वपूर्ण विकास कार्य और नियमित भुगतान दोनों ही प्रभावित हो रहे हैं। इस लेख में हम विस्तार से देखेंगे कि निगम बजट की देरी से कौन‑कौन से प्रोजेक्ट रुके हैं और सुधार के लिए क्या कदम उठाने की ज़रूरत है।
600 करोड़ का विवाद और पारदर्शिता की कमी
नगर परिषद की ताजा बैठक में रिवाइज्ड बजट 2025‑26 में खर्च किए गए 600 करोड़ रुपये का विस्तार से लेखा‑जोखा न होने पर भाजपा पार्षद शैलेष साहू व कांग्रेस पार्षद रेहाना सुल्तान ने एमआईसी (महापौर परिषद) पर आरोप लगाए।
- एमआईसी द्वारा खर्च का विस्तृत विवरण सार्वजनिक नहीं करना
- दोनों पक्षों के पार्षदों द्वारा पारदर्शिता की मांग
- गुटबाजी के चलते बैठक का माहौल वाकयुद्ध में बदलता रहा
इस अस्पष्टता से वितीय सत्र में पारदर्शिता की समस्या उजागर हुई, जिससे आम जनता और अधिकारियों दोनों का विश्वास डगमगा गया है।
तिजोरी बंद होने से रुक गए विकास कार्य
तिजोरी न खुलने की वजह से अप्रैल माह के अधिकारियों व कर्मचारियों की वेतन राशि और ठेकेदारों के भुगतान दोनों ही रुके हुए हैं। मुख्य प्रभावित प्रोजेक्ट निम्नलिखित हैं:
- जल नेटवर्क प्रोजेक्ट
- तापी इंटरप्राइजेज को बकाया: ₹3.72 करोड़
- कार्य ठप, कंपनी ब्लैकलिस्ट
- पाइपलाइन नेटवर्क
- सुराणा कंपनी को लंबित भुगतान: ₹1.60 करोड़
- टुकड़ों में भुगतान, गर्मी में कार्य रुकावट
- स्ट्रीट लाइटिंग योजना
- बकाया राशि: ₹4 करोड़
- वार्ड व सार्वजनिक स्थलों में अंधेरा
- हाउसिंग फॉर ऑल प्रोजेक्ट
- आवश्यक राशि: ₹100 करोड़
- अब तक 50 करोड़ से अधिक ठेकेदारों को नहीं मिले
- ग्रीन बिल्डिंग निर्माण
- अनुमानित लागत वृद्धि: ₹22 करोड़ → ₹39 करोड़
- देर से भुगतान, समयसीमा लांबी
निगम अध्यक्ष का बयान
नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने पार्षदों से लिखित शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए कहा:
“एमआईसी से जवाब मंगवाया जाएगा और बजट की औपचारिकताएं शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।”
हालांकि, उनका बयान समस्या का तत्काल समाधान नहीं प्रस्तुत करता। पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करना इस संकट से निकलने की पहली शर्त है।
तुरंत उठाए जाएं ये कदम
- पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एमआईसी का विस्तृत बजट विवरण सार्वजनिक करें।
- वेतन व भुगतान अवरुद्ध न हों, इसके लिए अस्थायी फंड जारी करें।
- प्राथमिकता के आधार पर रुके प्रोजेक्ट्स का पुनर्निर्माण शेड्यूल तय करें।
- निगम समीक्षा समिति गठित कर पूरे बजट की समय-समय पर समीक्षा कराएं।
- जनहित में सूचना उपलब्ध कराने के लिए निगम की वेबसाइट पर स्टेटस अपडेट पोर्टल शुरू करें।
निष्कर्ष
भोपाल नगर निगम बजट 2025‑26 की प्रस्तुति के 20 दिन बाद भी नगर निगम की तिजोरी बंद रहना विकास कार्यों और कर्मचारियों के लिए गंभीर संकट पैदा कर गया है। पारदर्शिता और समयबद्धता को प्राथमिकता देकर ही निगम इस चुनौती से उबर सकता है। आने वाले दिनों में त्वरित कार्रवाई से ही भोपाल के विकास और जनसुविधाओं पर असर को रोका जा सकेगा।