
नसबंदी की जगह गर्भाशय निकाला गया
- पूर्व में भी विवादों में रह चुके हैं डॉक्टर एस.एस. वर्मा
- स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
- पीड़ित ने न्याय और डॉक्टर पर कार्रवाई की उठाई मांग
मंदसौर (मध्य प्रदेश):
स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही का एक और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। स्थानीय निवासी राजेश खारोल ने थाना कोतवाली में शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि उनकी पत्नी अयोध्या बाई को नसबंदी ऑपरेशन के लिए एक निजी अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन डॉक्टर ने नसबंदी की जगह महिला की बच्चेदानी (गर्भाशय) ही निकाल दी।
पहले ही हो चुकी थी नसबंदी, फिर क्यों किया ऑपरेशन?
राजेश खारोल के अनुसार, उनकी पत्नी की पहले ही नसबंदी हो चुकी थी। लेकिन डॉक्टर एस.एस. वर्मा की टीम ने बिना समुचित जांच के एक और नसबंदी के नाम पर गंभीर ऑपरेशन कर डाला, जिससे महिला अब हमेशा के लिए मातृत्व से वंचित हो चुकी है।
इस लापरवाही से पीड़ित परिवार गहरे मानसिक आघात में है और उन्होंने डॉक्टर पर सख्त कानूनी कार्रवाई की माँग की है।
पीड़ित की मुख्य माँगें
- डॉक्टर एस.एस. वर्मा का मेडिकल पंजीयन निरस्त किया जाए
- तत्काल कानूनी कार्यवाही की जाए
- पीड़ित परिवार को मुआवज़ा और न्याय मिले
- स्वास्थ्य विभाग की जवाबदेही तय की जाए
डॉक्टर वर्मा का पुराना रिकॉर्ड भी सवालों में
सूत्रों के अनुसार, डॉक्टर एस.एस. वर्मा पहले जिला चिकित्सालय में पदस्थ थे और उस दौरान भी उन पर कई बार लापरवाही के आरोप लगे थे। उनके खिलाफ विभागीय जांच भी हुई थी, लेकिन कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं की गई।
अब एक बार फिर उनकी लापरवाही उजागर होने के बाद, स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है।
जनसमर्थन और पुलिस जांच
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने थाना कोतवाली पहुंचकर सामूहिक रूप से ज्ञापन सौंपा। पुलिस ने मामला संज्ञान में लेते हुए जांच शुरू करने का भरोसा दिलाया है।
क्या लापरवाह डॉक्टरों पर कभी ठोस कार्यवाही होगी?
- क्या स्वास्थ्य विभाग सिर्फ जांचों तक सीमित रहेगा?
- कब तक आम लोग इस तरह की मेडिकल क्रूरता के शिकार बनते रहेंगे?