
नगर पालिका ने लिया संज्ञान, कहा — तालाब में जीवन लौटेगा
मंदसौर | तेलिया तालाब में मछलियों की मौत की खबर के बाद नगर पालिका ने इसे गंभीरता से लेते हुए तालाब में फव्वारे (एरेशन सिस्टम) लगवाए हैं।
नगर पालिका अध्यक्ष रामादेवी गुर्जर ने बताया कि फव्वारे लगने से पानी में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ेगा, जिससे मछलियों की मौत की घटनाएँ नहीं होंगी।
नगर पालिका अध्यक्ष का बयान
“हमें जानकारी मिलते ही तालाब का निरीक्षण कराया गया और तुरंत फव्वारे लगवाए गए हैं। इससे जल में घुलित ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ेगी, जिससे मछलियों को राहत मिलेगी। तेलिया तालाब शहर की धरोहर है, उसकी स्वच्छता और जल गुणवत्ता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है।”
स्थानीय लोगों ने भी दी प्रतिक्रिया
तालाब के चौकीदार श्री चुंडावत ने बताया कि
“पहले मछलियाँ मर रही थीं, पर अब फव्वारे लगने के बाद हालात सुधरे हैं। पानी में हलचल बनी रहती है, और मछलियाँ सतह पर नहीं आ रहीं।”
वहीं तालाब में रोज दाना डालने वाले अंकित दुबे ने कहा,
“पहले पानी स्थिर था, ऑक्सीजन की कमी से मछलियाँ मरती थीं। अब फव्वारे लगने के बाद ऐसा नहीं हो रहा, यह कदम सही दिशा में है।”
क्या है ऑक्सीजन फव्वारा प्रणाली?
तालाबों में फव्वारा या एरेशन सिस्टम से पानी में हवा घुलती है, जिससे घुलित ऑक्सीजन (D.O.) बढ़ती है। इससे जल का संतुलन सुधरता है और मछलियों को साँस लेने में आसानी होती है। यह प्रणाली प्रदूषित और स्थिर जलाशयों में जीवन को बनाए रखने के लिए बेहद प्रभावी मानी जाती है।
अब उम्मीद है सुधार की
मछलियों की लगातार मौत के बाद नगर पालिका का यह त्वरित कदम नागरिकों के बीच सकारात्मक संदेश दे रहा है।
लोगों का कहना है कि अगर नियमित सफाई और ऑक्सीजन व्यवस्था जारी रखी जाए, तो तेलिया तालाब फिर से जीवंत जलाशय बन सकता है।
“तेलिया तालाब में फव्वारे सिर्फ पानी में नहीं, विश्वास में भी हवा भर रहे हैं। प्रशासन ने देर से सही, पर दिशा सही पकड़ी है। अब जरूरत है, इसे दिखावे का कदम न बनाकर निरंतरता का प्रतीक बनाने की।”




