

अभिनंदन कॉलोनाइज़र पर अवैध विक्रय के आरोप, पूर्व पार्षद विजय गुर्जर ने कलेक्टर अदिति गर्ग को पत्र भेजकर की तत्काल कार्रवाई की मांग
2016 में ही लगा दी गई थी रजिस्ट्रियों पर रोक
मुख्य नगर पालिका अधिकारी के 4 मार्च 2016 के पत्र और परिषद में पारित प्रस्ताव के आधार पर तत्कालीन कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह ने 5 मार्च 2016 को आदेश जारी किया था।इसमें निर्देश थे कि— कॉलोनाइज़र पुखराज जैन के वारिसों — श्रीमती स्नेहलता जैन, उनके पुत्रों व रिश्तेदारों— द्वारा यदि किसी भी प्लॉट का विक्रय कर पंजीयन हेतु दस्तावेज प्रस्तुत किए जाएँ, तो उनकी रजिस्ट्री न की जाए।
कारण— अभिनंदन कॉलोनी के विकास कार्य कॉलोनाइज़र द्वारा पूर्ण नहीं किए गए तथा इसकी लागत वसूली का दायित्व कॉलोनाइज़र या उनके परिवार पर बनता है। इसके बावजूद, गुर्जर के अनुसार, रजिस्ट्रार कार्यालय में वर्षों से लगातार अवैध रजिस्ट्री हो रही है, जो प्रशासनिक आदेशों की सीधी अवहेलना है।
सर्वाधिक गंभीर मामला—2021 की अवैध रजिस्ट्री का उदाहरण गुर्जर ने अपने पत्र में वर्ष 2021 की एक विशिष्ट रजिस्ट्री का उल्लेख किया है—
रजिस्ट्री क्रमांक : MP249392021A1934169
दिनांक : 03.11.2021
रजिस्ट्री कराने वाली : विमला बाई जैन, निवासी महावीरगंज, पिपलियामंडी।
इस रजिस्ट्री में:भूमि को अभिनंदन कॉलोनी (सर्वे नंबर 144) बताकर प्लॉट क्रमांक 395/1 का विक्रय दिखाया गया।जबकि तहसीलदार न्यायालय में प्रस्तुत रिकॉर्ड (प्रकरण 3012/A68/1999/2000) तथा पंचनामा अनुसार सर्वे नंबर 143 और 144, दोनों शासकीय भूमि हैं।वास्तविक स्थिति में प्लॉट क्रमांक 395/1 सर्वे क्रमांक 162 की शासकीय भूमि पर स्थित मिलता है।यानी सरकारी ज़मीन को निजी प्लॉट बताकर रजिस्ट्री कर दी गई।
गुर्जर के अनुसार यह न सिर्फ गंभीर अनियमितता है बल्कि सरकारी भूमि के अवैध कब्जा व विक्रय की संगठित प्रक्रिया का संकेत है।
कलेक्टर से तत्काल कार्रवाई की मांग:
विजय गुर्जर ने अपने पत्र में कलेक्टर को बताया है कि अभिनंदन कॉलोनाइज़र परिवार द्वारा सरकारी भूमि को निजी बताकर लगातार रजिस्ट्री कराए जाने के कई उदाहरण हैं।2016 में लगाए गए प्रतिबंध आदेश को पंजीयन कार्यालय द्वारा लगातार नजरअंदाज किया गया।
श्री गुर्जर ने जिला कलेक्टर से मांग की है कि:
1. 2016 के आदेश उल्लंघन की पूर्ण जांच कराई जाए।
2. अवैध रजिस्ट्री को तत्काल निरस्त किया जाए।
3. दोषियों पर कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाए।
4. सरकारी भूमि की स्थिति व सीमाओं का राजस्व विभाग से पुनः सत्यापन कराया जाए।
गुर्जर ने कहा कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे और कालोनाइज़र की मनमानी का सिलसिला और बढ़ेगा।




