इज़राइल (Israel) की एक अनोखी और प्रेरणादायक नीति है – वहां 18 साल की उम्र से ही लड़कियों को सेना (Army) में शामिल होना पड़ता है। जहां भारत की किशोरी लड़कियां TikTok, रील्स और सोशल मीडिया पर व्यस्त हैं, वहीं इज़राइली लड़कियां राष्ट्रीय सेवा, फिजिकल ट्रेनिंग और डिफेंस स्किल्स में निपुण हो रही हैं। यह एक ऐसा अंतर है जिस पर अब भारत को भी गंभीरता से विचार करने की ज़रूरत है।


इज़राइल की रक्षा नीति और महिलाओं की भूमिका (Israel’s Defense Policy and Role of Women)

इज़राइल में लड़कियों को 18 साल की उम्र में अनिवार्य सैन्य सेवा (Mandatory Military Service) करनी पड़ती है। ये सेवा लगभग 2 साल की होती है, जिसमें वे:


यह नीति इज़राइली महिलाओं को कैसे बना रही है फिट और आत्मनिर्भर? (How This Policy Makes Israeli Girls Fit and Independent)


भारत की किशोरियों की स्थिति: TikTok, Reels और सोशल मीडिया तक सीमित

भारत में बड़ी संख्या में किशोर और किशोरियां दिनभर TikTok, Instagram Reels, YouTube Shorts आदि में व्यस्त रहते हैं। उनका समय सृजनात्मकता (Creativity) और सेवा भावना में न जाकर केवल वर्चुअल अटेंशन और लाइक्स की दुनिया में चला जाता है।


क्यों भारत को चाहिए इज़राइल जैसी सैन्य सेवा नीति? (Why India Needs Policies Like Israel)

  1. राष्ट्रीय सुरक्षा में जनभागीदारी बढ़ेगी
  2. महिलाएं और लड़कियां आत्मनिर्भर बनेंगी
  3. युवाओं में अनुशासन और जिम्मेदारी बढ़ेगी
  4. फिजिकल और मेंटल फिटनेस में सुधार होगा
  5. डिजिटल एडिक्शन पर नियंत्रण पाया जा सकेगा

सुझाव: भारत में कैसे शुरू हो सकती है यह पहल?


निष्कर्ष

जब इज़राइली किशोरियां 18 साल की उम्र में देश की रक्षा के लिए तैयार होती हैं, तब भारत की किशोरियां वर्चुअल फेम की तलाश में लगी रहती हैं। यह समय है जब भारत को भी एक नई सोच और नई नीति की ज़रूरत है — ऐसी नीति जो हमारी बेटियों को सशक्त, अनुशासित और राष्ट्रभक्त बनाए।

अब सवाल यह नहीं है कि क्या हम ऐसा कर सकते हैं, बल्कि यह है कि हम ऐसा कब करेंगे?


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