अलीराजपुर, मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के आदिवासी अंचल में हर साल मनाया जाने वाला भगोरिया महोत्सव इस बार और भी खास हो गया जब नगरीय विकास एवं आवास, संसदीय कार्य विभाग के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय खुद ढोल-मांदल की थाप पर थिरकते नजर आए। उनका यह अनोखा अंदाज स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया।

भगोरिया महोत्सव: रंग-रंगीली परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर

भगोरिया सिर्फ एक मेला नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश की समृद्ध आदिवासी संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है। हर साल हजारों लोग इस पर्व को मनाने के लिए अलीराजपुर और आसपास के इलाकों में जुटते हैं। इस वर्ष भी देश-विदेश से आए पर्यटकों ने मेले का भरपूर आनंद लिया। रंग-बिरंगे कपड़ों में सजे आदिवासी युवक-युवतियां पारंपरिक नृत्य करते नजर आए, वहीं झूले, चकरी, पारंपरिक खानपान और हस्तशिल्प स्टॉल्स ने मेले की रौनक को और बढ़ा दिया।

कैलाश विजयवर्गीय का अलग अंदाज

इस बार भगोरिया महोत्सव में एक खास नज़ारा देखने को मिला जब कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने पारंपरिक आदिवासी वेशभूषा में ढोल-मांदल बजाया और नृत्य किया। उनके साथ मंत्री नागर सिंह चौहान और सांसद अनिता चौहान भी मौजूद रहे। विजयवर्गीय के इस अंदाज ने न केवल स्थानीय जनता बल्कि पर्यटकों को भी खासा प्रभावित किया।

भगोरिया पर्व की खास बातें

✔️ यह महोत्सव होली से एक सप्ताह पहले मनाया जाता है।
✔️ इसे प्रेम और विवाह उत्सव के रूप में भी देखा जाता है।
✔️ पारंपरिक नृत्य, संगीत और स्थानीय खानपान इसका मुख्य आकर्षण होते हैं।
✔️ यह आदिवासी समुदाय के लिए सामाजिक मेलजोल और व्यवसाय का बड़ा अवसर होता है।

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने क्या कहा?

इस अवसर पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, “भगोरिया सिर्फ एक मेला नहीं, यह हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है। इसे देखना और इसमें भाग लेना मेरे लिए गर्व की बात है।”

भगोरिया महोत्सव का यह उत्सव संस्कृति, रंग और उमंग से भरपूर रहा। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का नृत्य और आदिवासी अंदाज लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना। यह पर्व न केवल स्थानीय समुदाय को एकजुट करता है बल्कि देश-विदेश के पर्यटकों को भी मध्य प्रदेश की समृद्ध संस्कृति से परिचित कराता है।

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