मंदसौर जिले में मची धमाल मुनाफा कमाने के लालचियों ने गौमाता के निवाले को ट्रक में भरवाकर फैक्ट्रियों में जलाने हेतु परिवहन किया जा रहा जिन्हे रोकना प्रशासन के लिए चुनौती ..

एमपी में लगातार दो तीन वर्षों से गौमाता के सामने पेट पालने का संकट बड़ रहा है। वर्तमान में गेहूं खेतो में खड़े हैं किसान को समय पर मजदुर नहीं मिल रहें जिसके कारण किसान गेहूं हार्वेस्टर से कटवा रहें हैं। मंदसौर जिले में भी सुखले का काफी संकट है।

वर्तमान समय में गेहुं की कटिंग करने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हर एक गांव में गेहूं काटने की हार्वेस्टर का चलन बढ़ गया है जिसमें सुखला नष्ट हो रहा कमलनाथ सरकार में अनाथ सड़क पर घूमती गौमाता के लिए हर गांव में गौशाला का निर्माण कराया था पर अब वर्तमान में इन गौशाला में गौमाता के लिए सुखले का संकट गहरा रहा है । जो आने वाले भीषण गर्मी के दिनों में बढ़ने वाला है । कैसे होगी गौमाता के आहार की पूर्ति यह भी विचार सरकार और शासन प्रशासन को करना चाहिए और इस हेतु सख्त कदम उठाते हुवे सूखले के परिवहन पर तुरन्त रोक लगाकर पशु आहार को बचाने हेतु कारवाही कर बेजुबान पशुओं के बारे में भी सोचना होगा ।

इस और सबका ध्यान आकर्षण कराने हेतु पर्यावरण जीव जंतु प्रेमी पत्रकार श्री शैलेन्द्र सोनी ने किसानों के खेतों में जाकर गेहूं कि कटाई अपने हाथो से की और किसानों को जागरूक करते हुवे कहा कि

किसान भाई दे ध्यान हार्वेस्टर मशीन से गेहूं कटींग में सुखला खराब होने के साथ ही गेहूं भी जल्दी खराब हो जाते हैं । गौ माता की पीड़ा को देखते हुए मैं उन तमाम नेताओं सहीत जिले के समाजसेवी यो से भी अपील करता हूं जो किसान हितैषी होने के साथ ही जो गौमाता का दर्द को समझते हैं। वे सभी इस पुनीत कार्य में आगे आकर गेहूं कटिंग हाथो से करे खेतों से निकलने वाले सुखलेे को गौशाला में दान कर पुण्य लाभ लेकर अपने अपने क्षेत्रों में पहल करे ।