
मंदसौर। मंदसौर जिले के सीतामऊ तहसील के रहने वाले रतलाम डीआरपी लाइन में तैनात आरक्षक मयंक आंजना (25) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसे दरवाजा तोडक़र बाहर निकाला। वह मंदसौर जिले के कोचरियाखेडी़ गांव का रहने वाला था। वह दो दोस्तों के साथ मेहंदीकुई बालाजी मंदिर के पीछे स्थित प्रिंस प्लाजा के फ्लैट नंबर 103 में रहता था। मयंक के रूममेट धर्मपाल सिसौदिया ने बताया कि आत्महत्या के केस आने पर मयंक कहता था कि जो बेवकूफ होते हैं, बुझदिल होते हैं वो आत्महत्या करते हैं। बड़े दु:ख की बात है कि आज उसी ने फांसी लगा ली। मयंक अपने दोस्त धर्मपाल सिसौदिया व धीरज मालवीय के साथ रहता था। सिसौदिया निजी स्कूल में शिक्षक है तो मालवीय जूता कंपनी में एरिया मैनेजर है। मालवीय रविवार सुबह जल्दी इंदौर चले गए थे तो सिसौदिया कोचिंग पढ़ाने। सिसौदिया ने बताया कि दोपहर 1.30 रूम पर खाना बनाने आने वाले अशोक परमार ने मुझे कॉल किया कि दरवाजा अंदर से बंद है और खटखटाने के बाद भी कोई नहीं खोल रहा है।दोपहर 1.30 बजे मैं घर पहुंचा और काफी दरवाजा बजाने के बाद भी नहीं खुला तो पास में स्थित गोडाउन पर आए एक किशोर को पास वाले फ्लैट की गैलरी में चढक़र खिडक़ी से देखने के लिए कहा। उसने फांसी पर लटके होना बताया तो होश उड़ गए। दरवाजा तोड़ा तो छत के पंखे पर रस्सी से मयंक लटका हुआ था। जानकारी के अनुसार सुसाइड से पहले उसकी पत्नी से बात हुई थी। स्टेशन रोड थाना एसआई आरएस डावर ने बताया कि कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। आरक्षक का मोबाइल जब्त किया है। कॉल डिटेल की जांच करेंगे।