सनातन धर्म में शीतला सप्तमी व्रत रखा जा रहा है। इस साल शीतला सप्तमी 24 मार्च, गुरुवार और शीतला अष्टमी का त्योहार 25 मार्च को मनाया जाएगा। इस त्योहार को बसौड़ा या बसोरा भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन ठंडा भोजन करने से बीमारियां नहीं होती हैं। ऐसा कहा जाता है कि शीतला अष्टमी से ही ग्रीष्मकाल की शुरुआत होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शीतला माता की पूजा करने से चेचक, नेत्र विकार आदि रोग होने का भय नहीं रहता है। कहा जाता है कि शीतला माता की विधिवत पूजा करने वाली संतानहीन महिलाओं को आशीर्वाद प्राप्त होता है।
शीतला सप्तमी 2022 शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:46 ए एम से 05:34 ए एम।
अभिजित मुहूर्त- 12:03 पी एम से 12:52 पी एम।
विजय मुहूर्त- 02:30 पी एम से 03:19 पी एम।
गोधूलि मुहूर्त- 06:22 पी एम से 06:46 पी एम।
अमृत काल- 09:12 ए एम से 10:43 ए एम।
निशिता मुहूर्त- 12:03 ए एम, मार्च 25 से 12:50 ए एम, मार्च 25।
रवि योग- 06:21 ए एम से 05:30 पी एम।
शीतला सप्तमी का महत्व-
शीतला सप्तमी का व्रत करने से शीतला माता प्रसन्न होती हैं। इस व्रत की विशेषता है कि शीतला देवी को भोग लगाने वाले सभी भोजन को एक दिन पूर्व की बना लिया जाता है। दूसरे दिन शीतला माता को भोग लगाया जाता है। इसलिए इस व्रत को बसोरा भी कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन घरों में चूल्हा नहीं जलता है।