मन्दसौर। नयापुरा आदिनाथ जैन मंदिर छत्तीसगढ़ रत्न शिरोमणि महतरा प. पूज्य साध्वी मनोहर श्रीजी म.सा. की. सुशिष्या प.पू. साध्वी श्री. अमिपूर्णा श्री जी म.सा. की पावन निश्रा मे. प्रतिदिन प्रवचन चल रहे है।
आज के प्रवचन मे साध्वी श्री अमिपूर्णा श्रीजी ने कहा की वर्षाकाल प्रकृति को श्रृंगारीत करता है और  चातुर्मास के चार माह हमारे जीवन को सुसंस्कारी व संस्कारवान बनाते है। पर्युषण पर्व पर हमें धर्म की आराधना अधिक  से अधिक करना चाहिए जिससे हमारे कर्म बंधनों की निर्जरा हो सके।
साध्वी श्री ने कहा कि बच्चों को कार देने से पहले नवकार दीजिए संपत्ति देने से पहले सन्मति दीजिये, स्वतंत्रता देने से पहले सुसंस्कार दीजिए। आपने कहा कि धन से ज्यादा महत्वपूर्ण धर्म है धन से आत्म का कल्याण नहीं हो सकता है लेकिन धर्म से भव-भव के पाप बंधनों से छुटकारा मिल जाता है। यह मनुष्य भव बार-बार नहीं मिलता है, यह मनुष्य जीवन बहुत दुर्लभ व अनमोल है इसका उपयोग सदैव परमात्मा के कार्यों लगाना चहिये।
इस अवसर पर कमल कोठारी, अरविन्द बोथरा, अजीत लोढ़ा, सुरेश चंडावला, यशवंत पोखरना, अभय नाहटा आदि समाजजन

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