पिछले साल एक हज़ार से ज्यादा जिले के विभिन्न इलाकों से एक हजार से ज्यादा लोग अपनों को छोडकऱ गये। इनमें से अधिकांश तो वापस आ गए। इन लापता लोगों में महिलाओं की तादाद ज्यादा है। आशंका यह है कि कहीं ये महिलाएं मानव तस्करी की भेंट तो नहीं चढ़ गई। मामला इसलिये भी गंभीर है कि शासन की कुछ समय पहले शासन की एक रिपोर्ट के मुताबिक मानव तस्करी के मामले में मंदसौर जिला पूरे प्रदेश में अव्वल है।  कुछ सालों पहले एंटी ह्यूमन ट्रेफिकिंग सेल तैयार करने के दावे जरुर किए गए, लेकिन योजना धरातल पर नहीं उतर पाई। हालंाकि अब पुलिस का ऑपरेशन मुस्कान काम कर रहा है। सालों हाल ही में गुम या अपहरण के मामलों में एसपी अनुराग सुजानिया के निर्देश पर तुरंत टीम गठित कर कार्रवाई की जा रही है।जिले से वर्ष 2010 से अब तक सैकड़ों लोग अपने परिजनों को छोडकऱ ऐसे गये कि पुलिस में गुमशुदगी दर्ज करवानी पड़ी। आश्चर्य की बात यह है कि लापता होने वालों में अधिक महिलाएं हैं।  हालांकि पुलिस और परिजनों की तलाश रंग भी लाई और गुमशुदा लोगों में से कई मिल गए है। इसके बावजूद अभी भी डेढ़ सौ से ज्यादा लापता है। हालांकि कई बार प्रेम प्रसंग और पारिवारिक कलह भी लोगों की गुमशुदगी की वजह बनते हे।नातरा प्रथा भीमंदसौर जिले में कई समुदायों और जातियों में नातरा प्रथा प्रचलित है। इसमें विवाहित लडक़ी को उसके अभिभावक द्वारा दुबारा किसी अन्य के साथ पत्नी बनाकर भेज दिया जाता है। इसमें शादी की रस्में नहीं होती है। ऐसे मामलों में दोनों पक्षों के बीच रूपयों का लेनदेन भी होता है। इसे भी मानव तस्करी के रूप में देखते हैं। ऐसे मामले विवाद का रूप ले लेते हैं।देह व्यापार के लिए बदनाममंदसौर जिला एक समुदाय के पारंपरिक देह व्यापार के कुचक में फंसा है। यह इस कुरीति में जकड़े बांछडा समुदाय के लोग बहुतायत में निवास करते हें। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिल में 42 गांव बाछड़ा बहुल्य हैं। 1991 की संख्या 5502 है। इसमें 2867 पुरूष और 2635 महिलाएं हैं। दूसरी तरफ गैर सरकारी ज्यादा बांछड़ा लोग निवास करते हैं। देह व्यापार के लिये महिलाओं की खरीद – फरोख्त मानव तस्करी की श्रेणी में आती हैं।आदेश के बाद अब होता है अपराध कायमसुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार नाबालिग और बालिक के गुमशुदा होने पर अपराध कायम किया जाने लगा है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार अगर कोई नाबालिक गायब होता है तो उस मामले में अपहरण का प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए। इसिलिए पुलिस ने अब तक के सभी मामलों में धारा 363 और 366 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।नहीं चालू हो पाया सेलमंदसौर में एंटी ह्यूमन ट्रेफिकिंग सेल की स्थापना की स्वीकृति राज्य शासन ने दी है। यह सेल मानव तस्करी रोकने की जिम्मेदारी निभाएगी। इसके लिए यहां युद्घस्तर पर काम चल रहा है। यहां एक टेलिफोन नंबर 245555 स्थापित किया गया है। इस नंबर पर मानव तस्करी या देह व्यापार से जुड़ी कोई भी सूचना दी जा सकती है। लेकिन यह फोन अभी तक चालु नहीं हो पाया।  सेल की स्थापना पुलिस कंट्रोल रूम परिसर में परामर्श केन्द्र के समीप एक कक्ष में की जा रही हैं। फिलहाल इस कक्ष का रंग-रोगन करवाया जा रहा है। इस कक्ष में एक एएसआई और दो अन्य कर्मचारियों का स्टाफ तैनात रहेगा।

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